ई.आर.पी. व्यवस्था के तहत 4.11 करोड़ गन्ना पर्चियां जारी

 

 

गन्ना विपणन में ई.आर.पी. व्यवस्था लागू होने से  माफियाओं पर लगा अंकुश

 

 


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ द्वारा गन्ना कृषकों के हित में लिये गये निर्णयों एवं मंत्री श्री सुरेश राणा द्वारा किये गये अथक प्रयासों के परिणाम स्वरूप ई.आर.पी. के अन्तर्गत पारदर्शी कार्यप्रणाली तथा गन्ना समितियों द्वारा पर्ची निर्गमन की व्यवस्था के बेहतर परिणाम मिलने शुरू हो गये है।

 

प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी श्री संजय आर भूसरेड्डी ने इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि गन्ना विभाग में ई.आर.पी. व्यवस्था लागू होने से तथा लगभग 23 वर्ष बाद गन्ना समितियों द्वारा पर्ची प्रिन्टिंग एवं निर्गमन की नई व्यवस्था लागू किये जाने के उत्साहजनक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि विगत दो दशक से भी ज्यादा समय से गन्ना आपूर्ति हेतु पर्ची निर्गमन का कार्य चीनी मिलों द्वारा किया जा रहा था। चीनी मिलों द्वारा पर्ची निर्गमन के इस अधिकार का दुरूपयोग किया गया जिस कारण चीनी मिल की साठगांठ से गन्ना माफियाओं की संख्याओं में वृद्धि होने लगी, गन्ना माफियाओं पर अंकुश लगाने की दृष्टि से प्रदेश सरकार द्वारा ई.आर.पी. व्यवस्था के अन्तर्गत पारदर्शी कार्यप्रणाली एवं कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था को अपनाकर पर्ची निर्गमन का कार्य पुनः गन्ना समितियों को वापस किया गया जिससे किसानों को सही समय पर पेपर पर्ची के साथ-साथ एस.एम.एस. द्वारा उनके मोबाइल पर पर्ची मिलने लगी, जिससे गन्ना कटाई के बाद सूख में कमी आई तथा कृषकों को उनके गन्ने का औसतन 7 प्रतिशत अधिक वजन प्राप्त हुआ।

श्री भूसरेड्डी ने बताया कि इस व्यवस्था के लागू होने के बाद विगत दो वर्षों में लगभग 8,12,065 कृषक नये गन्ना समिति सदस्य बने तथा लगभग 3,29,317 फर्जी सट्टे बंद हुए है। ई.आर.पी. के माध्यम से किसानों को आॅनलाइन पोर्टल ूूूण्बंदमनचण्पद एवं म.हंददंचच पर उनके सर्वे, सट्टा, कैलेण्डर आदि से सम्बन्धित समस्त सूचनाएं सुगमता से उपलब्ध हो पा रही है। पारदर्शी व्यवस्था के तहत कोई भी किसान अपनी या प्रदेश के अन्य कृषक की सर्वे, सट्टा, कैलेण्डर पर्ची सम्बन्धी जानकारी देख सकता है। 

इस वर्ष गत वर्षों के मुकाबले सर्वाधिक 47.22 लाख गन्ना किसानों को बांडिग किया गया जिसमे 10.31 लाख छोटे किसान है और अब तक 4.11 करोड़ गन्ना पर्चियां जारी की गयी है। लगभग 13 लाख गन्ना कृषकों ने ई-गन्ना एप को डाउनलोड किया है तथा 23.16 करोड बार कृषकों द्वारा ई-गन्ना एप पर हिट किया गया है। ूूूण्बंदमनचण्पद वेब पोर्टल पर 5.05 करोड़ ग्रोअर हिटस हो चुके हैं। इस नयी व्यवस्था के फलस्वरूप गन्ना किसानों के गन्ने की आपूर्ति चीनी मिलों को सही समय पर हो रही है। जिस कारण गन्ना किसान नयी व्यवस्था से पूर्णतया संतुष्ट है।

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