150 श्रमिक विशेष ट्रेनें  संचालित,26000 से अधिक लोग पहुंचे अपने घर


रेल ट्रैक पर किसी भी अनधिकृत मूवमेंट/ट्रेसपासिंग के प्रति उत्तर मध्य रेलवे हमेशा संवेदनशील रहा है और इस संबंध में नियमित जन जागरूकता अभियानों के साथ ही इस संबंध में रोकथाम के लिए कई नियमित प्रयास किए जाते हैं। यद्यपि नियमित यात्री सेवाओं को लॉकडाउन में रोक दिया गया है तथापि मालगाड़ियों और पार्सल ट्रेनों के निरंतर मूवमेंट की जानकारी लगातार साझा की गयी और एक विशेष जागरूकता अभियान के तहत रेलवे ट्रैक पर पैदल नहीं चलने के लिए उत्तर मध्य रेल परि़क्षेत्र में 12 लाख से ज़्यादा एसएमएस आम जनता को भेजे गए।  


अब श्रमिक स्पेशल गाड़ियों के चलने के साथ, 250 से अधिक ट्रेनें दैनिक रूप से उत्तर मध्य रेलवे के विभिन्न मार्गों पर चल रही हैं और सुरक्षित और सुचारू ट्रेन संचालन उत्तर मध्य रेलवे की प्राथमिकता है। ट्रेन परिचालन की वर्तमान स्थिति और प्रवासी मजदूरों के मूवमेंट के दृष्टिगत रेल पटरियों के निकट अनाधिकृत पैदल आवाजाही को ध्यान में रखते हुएश्री राजीव चौधरी महाप्रबंधकउत्तर मध्य और उत्तर रेलवे ने सभी मंडलों को इस तरह के मूवमेंट पर कड़ी निगरानी के लिए निर्देशित किया है। इसी क्रम में  रेलवे ट्रैक पर और उसके निकट अनधिकृत मूवमेंट/ ट्रेसपासिंग पर अंकुश लगाने के लिए नियमित प्रयासों के साथ ही उत्तर मध्य रेलवे द्वारा एक संरक्षा अभियान प्रारंभ किया गया है। उत्तर मध्य रेलवे में शुरू हुए एक पखवाड़े के लंबे संरक्षा अभियान में निम्नलिखित विशिष्ट विषयों पर बल दिया जा रहा  है:


• सभी लोको पायलटगार्डगेटमैनट्रैकमैनस्टेशन मास्टरपॉइंट्स मैनरेल सुरक्षा बल और अन्य सभी रेल कर्मचारियों को किसी भी व्यक्ति द्वारा रेलवे ट्रैक पर या निकट किसी भी अनाधिकृत मूवमेंट / ट्रेसपासिंग की निकटतम स्टेशन / नियंत्रण कक्ष / पर्यवेक्षक / आरपीएफ पोस्ट को सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं  ताकि उस पर आवश्यक कार्यवाई की जा सके।


 • उत्तर मध्य रेलवे के सभी तीन मंडलों को निर्देशित किया गया है कि वे ऐसे किसी भी अनधिकृत मूवमेंट और उस पर की गई कार्रवाई का उचित रिकॉर्ड रखें। मंडलों  को ड्राइव पूरा होने पर समग्र रिपोर्ट भेजने के लिए भी निर्देशित किया गया हैताकि इस संबंध में आगे की आवश्यकता हेतु कार्रवाई की जा सके।


• विभिन्न उपलब्ध प्रचार साधन जैसे कि पैम्फलेट वितरणप्रिंट मीडिया का उपयोगइलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया आदि के माध्यम से जन जागरूकता अभियान भी तेज किए जा रहे हैं


संबंधित राज्य सरकारों से पूर्व लिखित सहमति के आधार पर श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं और आज दिनांक 09.05.2020 तक उत्तर मध्य रेलवे में लगभग 150 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को परिचालित किया गया है और विभिन्न स्टेशनों पर टर्मिनेट हुई 22 विशेष ट्रेनों के माध्यम से 26000 से अधिक प्रवासियों और अन्य फंसे व्यक्तियों को गंतव्य तक पहुंचाया गया है। विवरण निम्नलिखित है






























































































































































































दिनांक



गाड़ी सं



कहां से



कहां तक



यात्रियों की संख्या



 



03.05.20



00953



साबरमती



कानपुर



1205



 



03.05.20



00961



साबरमती



आगरा कैंट



1196



 



04.05.20



09415



पालनपुर



आगरा कैंट



1203



 



05.05.20



00985



गोधरा



कानपुर



1220



 



06.05.20



09315



सूरत



प्रयागराज जं



1240



 



06.05.20



09303



वीरमगाम



प्रयागराज जं



1264



 



06.05.20



04606



लुधियाना



प्रयागराज जं



750



 



06.05.20



09325



सूरत



प्रयागराज जं



1200



 



07.05.20



09345



भुज



प्रयागराज जं



1217



 



07.05.20



09385



सूरत



प्रयागराज जं



1230



 



07.05.20



09397



सूरत



प्रयागराज जं



1227



 



07.05.20



09377



सूरत



बांदा



1200



 



08.05.20



09403



मेहसाणा



सोनभद्र



1015



 



08.05.20



09449



सूरत



फतेहपुर



1215



 



08.05.20



09465



सूरत



कानपुर



1200



 



08.05.20



04618



लुधियाना



ग्वालियर



1349



 



08.05.20



04004



नई दिल्ली



छतरपुर



1049



 



09.05.20



09485



वडोदरा   



प्रयागराज जं



1301



09.05.20



09497



मोरबी 



कानपुर



1200



09.05.20



09525



साबरमती



फतेहपुर



1200



09.05.20



09487



साबरमती



उरई



1200



09.05.20



01602



थिविम



ग्वालियर



1214



कुल 22 ट्रेनों द्वारा



26095




इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ब्राह्मण वंशावली

मिर्च की फसल में पत्ती मरोड़ रोग व निदान

ब्रिटिश काल में भारत में किसानों की दशा