रबी फसलों में गेहूं, जौ, चना, मटर, मसूर, सरसों व अलसी हेतु लगभग 49.50 लाख कुंतल बीज की जरूरत


उत्तर प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि देश में सर्वाधिक गेहूँ का उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है। प्रदेश में लगभग 100 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूँ का उत्पादन किया जाता है। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग का मुख्य कार्य जनपद को उनकी मांग के अनुसार उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराना है। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि बीज प्रक्षेत्रों का आच्छादन क्षेत्रफल बढ़ाया जाये। इसके अतिरिक्त उन्होंने आगामी रबी सीजन को दृष्टिगत रखते हुये अधिक से अधिक बीज वितरण का लक्ष्य निर्धारित किये जाने के भी निर्देश दिये हैं।

     श्री शाही आज कृषि निदेशालय स्थित सभागार में आगामी रबी सीजन के दृष्टिगत प्रदेश में बीज, खाद एवं उर्वरक की उपलब्धता तथा विभागीय योजनाओं की प्रगति समीक्षा कर रहे थे। कृषि मंत्री जी को अवगत कराया गया कि रबी फसलों में मुख्य रूप से गेहूं, जौ, चना, मटर, मसूर, सरसों एवं अलसी के लिए लगभग 49 लाख 50 हजार कुंतल बीज की आवश्यकता के सापेक्ष 8 लाख 27 हजार 391 कुंतल बीज का व्यवस्था सरकारी, सहकारी एवं अर्द्ध सरकारी क्षेत्र के विभागों द्वारा तथा 41 लाख 22 हजार 609 कुंतल बीज की व्यवस्था निजी क्षेत्र के माध्यम से की जा रही है। उन्होंने बताया कि गेहूँ की बुवाई हेतु 7 लाख 64 हजार 768 कुंतल बीज के वितरण का लक्ष्य सरकारी, सहकारी एवं अर्द्ध सरकारी क्षेत्र के विभागों को तथा 37 लाख 35 हजार 232 कुंतल बीज के वितरण का लक्ष्य निजी क्षेत्र के लिये निर्धारित किया गया है। इस दृष्टि से सभी संस्थाओं को आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दे दिये गये हैं।

     कृषि मंत्री ने बताया कि भारत सरकार द्वारा सरसों की खेती पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में 75000 करोड़ रुपए का खाद्य तेल आयात किया जाता है। इस दृष्टि से भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सरसों की खेती किये जाने की अपेक्षा की गयी है। उन्होंने कहा कि इस साल हम सरसों और तिलहन उत्पादन का क्षेत्रफल बढाएंगे और लगभग 2.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर सरसों का आच्छादन बढ़ाने की दृष्टि से किसानों को सरसों के बीज उपलब्ध कराएंगे और हर संभव प्रयास किये जायेंगे कि किसानों को 10 लाख हेक्टेयर की बुवाई के लिए उन्हें निःशुल्क बीज उपलब्ध कराए जाए।

      कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश में खाद एवं उर्वरक की कहीं कोई कमी नहीं है। प्रदेश में 7.21 लाख मी0टन यूरिया, 10.27 लाख मी0टन डीएपी, 2.57 लाख मी0टन एनपीके तथा 1.28 लाख मी0टन एमओपी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा चुकी है। इस प्रकार प्रदेश में आगामी रबी फसलों को दृष्टिगत रखते हुये पर्याप्त मात्रा में खाद एवं उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गयी है। कृषि रक्षा रसायनांे की उपलब्धता की समीक्षा में  जेम पोर्टल से कृषि रक्षा रसायनों एवं दवाईयों के क्रय के निर्देश दिये गये। मंत्री जी को अवगत कराया गया कि प्रदेश में 821 कृषि रक्षा इकाईयां संचालित हैं।

      श्री शाही ने बताया कि कोविड काल की विषम परिस्थितियों में भी किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत खरीफ सीजन में 6.12 लाख किसानों को 780.77 करोड़ रूपये तथा रबी सीजन में 3.07 लाख किसानों को 255.05 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। इसी प्रकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत 2.14 करोड़ लाभार्थी किसानों को 21,888.85 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। उन्होंने बताया कि 16 लाख किसानों का आधार एवं बैंक खाता मिसमैच है, जिसे शीघ्र ठीक कराकर उन्हें भी योजना का लाभ दिलाये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
    श्री शाही ने बताया कि प्रत्येक जनपद में हर गांव में ब्लाॅक के अनुसार क्राॅप कटिंग की जाती है, जिससे हमें यह जानकारी होती है कि प्रदेश में कितना फसल का उत्पादन हुआ है। इसके दृष्टिगत कृषि विभाग द्वारा एक शासनादेश जारी किया गया है जिसमें क्रॉप कटिंग को लेकर राजस्व विभाग के संबंधित तहसीलदार या नायब तहसीलदार को क्रॉप कटिंग की टीम में सम्मिलित किया गया है जिससे क्राॅप कटिंग की व्यवस्था और बेहतर हो सके तथा किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता न हो।
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत खेत तालाब योजना में 7000 खेत तालाब का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके सापेक्ष अब तक 1000 से अधिक तालाब खोदे जा चुके हैं। उन्हांेने बताया कि कृषि विभाग ने यंत्रीकरण की दृृष्टि से भी काफी तेज कार्य किया है। उन्होंने बताया कि कृषि यंत्रीकरण के अन्तर्गत 263 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है। कृृषि यंत्रीकरण के अन्तर्गत सितम्बर माह तक 42000 कृषि यंत्रों की बुकिंग की जा चुकी है। उन्हांेने बताया कि पोर्टल अभी भी खुला हुआ है और इच्छुक व्यक्ति अनुदान पर कृषि यंत्र प्राप्त करने हेतु आवेदन कर सकता है।

इस अवसर पर कृषि राज्यमंत्री, श्री लाखन सिंह राजपूत, अपर मुख्य सचिव कृषि, डाॅ0 देवेश चतुर्वेदी, निदेशक कृषि, श्री ए0पी0 श्रीवास्तव, वित्त नियंत्रक, श्री रमेश कुमार राय सहित कृषि विभाग के समस्त वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।


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