भारत निवेश के लिए बेहतर मौके दे रहा है-पीयूष गोयल


वाणिज्य और उद्योग, रेलवे और खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री  ने भारत में निवेश के लिए विदेश निवेशकों को आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा है कि निवेशकों को भारत के बड़े बाजार और बिजनेस के लिए बेहतर माहौल का फायदा उठाना चाहिए। बैंक ऑफ अमेरिका द्वारा आयोजित सेमिनार “इंडिया: ड्राइवर्स ऑफ चेंज (भारत बदलाव का वाहक)” के दौरान दिए गए अपने संबोधन में कहा कि भारत निवेश के लिए बेहतर मौके दे रहा है। ऐसे में निवेशकों को आगे आना चाहिए।


उन्होंने कहा कि भारत पूरे विश्व में कारोबार के लिए एक भरोसेमंद सहयोगी है। भारत में एक पारदर्शी व्यवस्था और खुला लोकतंत्र है। भारत की लगातार कोशिश है कि वह दुनिया में एक उचित स्थान हासिल कर सके। उन्होंने कहा कि भारत सरकार एक टीम की तरह काम करती है और लगातार सरकारी विभागों की जड़ता को तोड़ रही है। श्री गोयल ने कहा कि भारत में बिजनेस की अपार संभावनाएं हैं। सरकार के तरफ से बड़े और सुधारवादी फैसले लिए गए हैं। जिसके तहत कई ऐसे क्षेत्रों में भी बिजनेस के अवसर खुले हैं, जहां पहले संभावनाएं बेहद कम थी।


 कैबिनेट के फैसले की चर्चा करते हुए उन्होंने ने कहा सरकार ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) नीति को मंजूरी दी है। इस फैसले से 10 क्षेत्रों में विनिर्माण और निर्यात की क्षमताओं में इजाफा होगा। जो कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम कदम है। उन्होंने कहा कि इसके पहले टेलीकॉम क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना की मंजूरी दी जा चुकी है। एपीआई और मेडिकल उपकरण बनाने वाली कंपनियों से भी हमें अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। उत्पादन आधारित प्रोत्साहन नीति से भारत एक मजबूत, आत्मनिर्भर, सक्षम राष्ट्र बनेगा, जो कि अपनी घरेलू और निर्यात की जरूरतों को पूरा करने में दक्ष होगा। मंत्री ने कहा कि सरकार इन उद्योगों को स्थापित करने के लिए 5 साल तक हैंडहोल्डिंग में सहयोग करेगी। उन्होंने इसके अलावा सरकार द्वारा दूसरे क्षेत्रों के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में भी जानकारी दी है। इसके तहत उन्होंने क्लस्टर डेवलपमेंट और लॉजिस्टिक सहयोग के  बारे में भी जानकारी दी । उन्होंने सामाजिक क्षेत्र के लिए बनी वॉयबिलिटी गैप फंडिंग स्कीम के बारे में बताते हुए कहा कि इसके जरिए पीने योग्य पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ेगा। जिसके जरिए आम लोगों की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा।


उन्होंने कहा कि कोविड के झटके से अब भारतीय अर्थव्यवस्था उबर रही है। कई सारे आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था वापस पटरी पर आ रही है। एक अच्छी बात यह है कि लंबे समय के बाद पीएमआई इंडेक्स उच्च स्तर पर है। इसी तरह सर्विस इंडेक्स में भी बढ़ोतरी हुई है। जीएसटी संग्रह भी पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले 10 फीसदी बढ़ा है। और सितंबर के महीने में निर्यात में भी 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अक्टूबर में थोड़ी गिरावट के बाद नवंबर के पहले हफ्ते में निर्यात में 22 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा आयात में भी बढ़ोतरी हुई है। यह सब आंकड़े अर्थव्यवस्था के सामान्य होने के संकेत दे रहे हैं। मंत्री ने कहा कि रेलवे का मालभाड़ा भी पिछले दो महीने में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 15 फीसदी बढ़ा है। इसके अलावा भारतीय कंपनियों के पिछली तिमाही के परिणाम भी चीजों के सामान्य होने की गवाही दे रहे हैं।


मंत्री ने कहा कि इसी तरह स्टार्टअप गतिविधियों में भी काफी तेजी आई है। जिससे इन्नोवेशन और आंत्रप्रेन्योरशिप को काफी बूस्ट मिला है। इसी का परिणाम है कि भारत में लोग अब नौकरी ढूढ़ने की जगह नौकरी पैदा करने वाला बनने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं।


उन्होंने 4 सी यानी साहस (करेज), आत्मविश्वसास (कॉन्फिडेंस), क्षमतावान (कम्पीटेंस) और संवेदनशील (कम्पैशन) होने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 तक 5 लाख करोड़ डॉलर की बनने के लिए तैयार है। और उसके बाद अगले 7-8 साल में 10 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य बनाने के लिए भी तैयार है।


आत्मनिर्भर भारत अभियान के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इसका मतलब केवल खुद में सक्षम होना नहीं है, बल्कि इसके जरिए दुनिया को अपने साथ जोड़कर, उसे मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ने रक्षा, कृषि, कोयला, खनन, अंतरिक्ष तकनीकी में उदारीकरण की दिशा में कदम उठाया है। इसकी वजह से इन क्षेत्रों में निजी निवेश बढ़ोगा। उन्होंने कहा कि सरकार को उपभोक्ता आधारित और गैर जरूरी क्षेत्रों वाले बिजनेस से बाहर आ जाना चाहिए।


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