गंगा को हर-हाल में रखेंगे प्रदूषण मुक्त - जलशक्ति मंत्री



प्रदेश के जलशक्ति मंत्री  ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत गंगा किनारे स्थित 27 जनपदों के सभी 1038 राजस्व गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नमामि गंगा मिशन से जुड़े सभी संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों को प्राथमिकता पर विकास योजनायें संचालित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी एवं मा0 मुख्यमंत्री जी की मंशा एवं परिकल्पना को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार संकल्पित है। प्रदेश की एक ट्रिलियन डालर की इकोनाॅमी को बनाने में माँ गंगा का बहुत बड़ा सहयोग हो सकता है। अर्थ गंगा की अवधारणा को पूरा करने के लिए बनाये गये कार्ययोजना पर तेजी से कार्य हो, इसके लिए सभी विभागों को मिलाकर सार्थक प्रयास करना होगा।
जलशक्ति मंत्री  योजना भवन में राष्ट्रीय गंगा परिषद के लिए 25 विभागों को मिलाकर बनाये गये कार्यवृत्त के संबंध में की गयी कार्यवाही को लेकर समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि गंगा किनारे स्थित सभी गांवों का समुचित एवं आर्थिक विकास हो, इसके लिए निर्धारित कार्ययोजना को तेजी से लागू किया जाय। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत गंगा किनारे स्थित 21 नगरीय क्षेत्र, 1641 गांव तथा 1038 ग्राम पंचायतों को जोड़ा गया है। गंगा मिशन कार्ययोजना के तहत इन क्षेत्रों का विकास कर गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाया जा सकता है। साथ ही लोगों को आर्थिक, सामाजिक एवं धार्मिक जीवन स्तर को भी समृद्ध बनाया जा सकता है।
उन्होंने  ने कहा कि गंगा के दोनों किनारों पर पर्यटन की अपार संभावनाओं के दृष्टिगत यहां स्थित धार्मिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक स्थलों एवं गंगा घाटों को विकसित करना है। गंगा किनारे की सभी पंचायतों में गंगा घाटों पर चबूतरा बनवाकर गंगा आरती की व्यवस्था की जानी है। गंगा नदी की भूमि को अतिक्रमण मुक्त रखने के लिए भी कार्ययोजना बनायी जाय। गंगा किनारे स्थित तालाबों का जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण किया जाय। उन्होंने कहा कि गंगा को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए इसके किनारे 05 किमी0 के दायरे में रासायनिक खाद का बिल्कुल प्रयोग न होने पाये। यहां पर आर्गेनिक खेती, प्राकृतिक खेती तथा बागवानी को बढ़ावा दिया जाए। किसानों को फलदार वृक्ष लगाने/बागवानी करने के लिए प्रेरित किया जाये। इससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि गंगा को कटान से बचाने के लिए इसके किनारे पीपल, पाकड़, आम, जामुन व बरगद जैसे पौधों को लगाया जाए। गंगा किनारे अधिकतम वृक्षारोपण कराने के लिए प्रत्येक जनपद में गंगा नर्सरी विकसित की जाए। माँ गंगा के दोनों किनारों को वृक्षारोपण से आच्छादित करना है। इसके लिए वन विभाग द्वारा 25 करोड़ पौधों का रोपण किया जाना है। सभी पौधों की जियो टैगिंग भी करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी राजस्व ग्रामों में महिला समूह गठित किये जायें। इससे अधिक से अधिक महिलाओं को रोजगार मिलेगा। गांवों का गन्दा पानी सीधे गंगा में न बहाकर तालाबों में ले जाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि ग्राम विकास विभाग तथा पंचायतीराज विभाग इसके लिए कमर कस लें कि किसी भी प्रकार का प्रदूषण गंगा में नहीं जाना चाहिए। उन्होंने गांवों के साॅलिड वेस्ट व कूड़े के निस्तारण का उचित प्रबंध करने तथा पाॅलीथीन को पूर्ण प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गंगा किनारे निर्मित सभी प्रकार के भवनों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य रूप में लागू किया जाए। गांव के नवयुवकों में खेल-कूद की भावना विकसित हो, इसके लिए गंगा किनारे के गांवों में गंगा स्टेडियम बनाये जाएं।
जलशक्ति मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि गांवों में वेलनेश सेन्टर स्थापित किए जाएं। इन गांवों को एम्बुलेंस के माध्यम से जोड़ा जाए। संचारी रोग, दस्तक रोग को रोकने के लिए यहां पर हेल्थ कैम्प आयोजित किये जाएं।  उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की आय बढ़ाने के लिए इन गांवों में पशुपालन एवं डेयरी विकास को बढ़ाया जाए। मत्स्य पालन को बढ़ाने के लिए मत्स्य समितियों का निर्माण किया जाए। उन्होंने गंगा किनारे के सभी स्कूलों, कालेजों एवं विश्वविद्यालयों में गंगा की स्वच्छता के प्रति जनजागरूकता हेतु प्रत्येक वर्ष कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने गंगा किनारे के सभी गांवों को शीघ्र बिजली मुहैया कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गंगा किनारे या गंगा पर कहीं भी मृत शरीर को न फेंका जाए। उसके शवदाहगृह बनवाया जाए। गंगा किनारे के गांवों को विकसित करने के लिए उन्होंने सभी विभागों को अपने विभागीय  कार्ययोजना के कार्यों की प्रतिमाह समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने गंगा किनारे के सभी ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए सभी विभागों को अपने कार्यक्रमों की होर्डिंग बैनर लगाने के भी निर्देश दिए।


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