करोना से बचाव के संग पंचायत के चुनाव

लखनऊ,  उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी में राज्य निर्वाचन आयोग जुट गया है। चुनाव के बीच कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते खबरे को देखते हुए विस्तृत गाइडलाइन जारी की गई है। प्रत्याशी के नामांकन, प्रचार, मतदान से लेकर मतगणना और विजय जुलूस आदि तक के लिए निर्वाचन आयोग ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई है। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चुनाव तो संक्रमित व्यक्ति भी लड़ सकेंगे, लेकिन सिर्फ पांच समर्थकों के साथ प्रचार की बाध्यता सभी के लिए होगी। वहीं, कोई मतदाता संक्रमित होगा तो पीठासीन अधिकारी पीपीई किट पहनकर मतदान कराएंगे।विदा होता दिख रहा कोरोना संक्रमण फिर तेजी पकड़ने लगा है, जिससे कि पंचायत चुनाव के लिए भी चुनौती खड़ी हो गई है। इसे देखते हुए सोमवार को राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रक्रिया के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित गाइडलाइन के आधार पर ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। निर्वाचन आयोग ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश जारी कर कहा है कि चुनाव कार्य में लगे सभी कर्मचारियों को फेस मास्क लगाना आनिवार्य होगा। इसके साथ ही सभी कर्मचारियों के मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा और इस ऐप का उपयोग भी करना होगा। सभी मतदान केंद्रों को पूरी तरह से सैनिटाइज करना होगा।अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा की ओर से सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को जारी निर्देशों में कहा गया है कि चुनाव में लगाए गए प्रत्येक कार्मिक को फेस मास्क लगाना अनिवार्य होगा। साथ ही अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा। हर स्थल और मतदान केंद्र को उपयोग से पहले सैनिटाइज कराना होगा। थर्मल स्कैनिंग आदि की व्यवस्था की जाएगी और सभी को शारीरिक दूरी का पालन करना होगा। इन सभी व्यवस्थाओं को कराने और उनकी निगरानी के लिए सभी जिलों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी या उनके द्वारा नामित स्वास्थ्य अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया जाएगा। इसी तरह विकासखंड स्तर पर सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी या उनके द्वारा नामित डॉक्टर को नोडल अधिकारी बनाना होगा।यूपी पंचायत चुनाव में कोरोना की गाइडलाइन का सख्ती से पालन के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिए गए हैं। जारी एसओपी के अनुसार सभी मतदान स्थलों पर थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था होनी चाहिए। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना, पान-गुटखा खाना और मदक पदार्थों का सेवन करना दंडनीय होगा। कोविड-19 के तहत केंद्र और राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार सभी मतदान स्थलों पर शारीरिक दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा।राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि जिला स्तर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी या उनके द्वारा नामित स्वास्थ्य अधिकारी को नोडल स्वास्थ्य अधिकारी नियुक्त किया जाए। विकास खंड स्तर पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी और स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर चिकित्सक को नियुक्त किया जाए। कोविड-19 से बचाव के लिए सभी प्रबंध इन नोडल अधिकारियों के निर्देशन में किए जाएंगे। नामंकन पत्रों को प्रस्तुत करने व नाम वापसी के संबंध में आयोग ने निर्देश दिया है कि रिटर्निंग अधिकारी के कक्ष में साबुन, पानी और सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाए और इसके लिए एक अतिरिक्त कर्मचारी को तैनात किया जाए। बिना मास्क के रिटर्निंग अधिकारी के कक्ष में किसी को भी प्रवेश न दिया जाए। नामंकन पत्र प्रस्तुत करने के लिए रिटर्निंग अधिकारी के कक्ष में प्रत्याशी और उनके साथ एक व्यक्ति को ही प्रवेश दिया जाए। यदि प्रत्याशी कोरोना संक्रमित है तो उनका प्रस्तावक या उनके द्वारा अधिकृत व्यक्ति रिटर्निंग अधिकारी के कक्ष में नामंकन पत्र प्रस्तुत कर सकता है। नामंकन पत्रों की स्कूटनिंग के वक्त जिला पंचायत वार्ड वार एक-एक कर उम्मीदवारों को प्रवेश दिया जाए। 

नामांकन, स्क्रूटनी और नाम वापसी के लिए शर्तें

रिटर्निंग अधिकारी के कमरे में नामांकन पत्र प्रस्तुत करने के लिए आने वाले व्यक्तियों के लिए साबुन, पानी और सैनिटाइजर की व्यवस्था करनी होगी। इनके प्रयोग के लिए अलग से कर्मी नियुक्त रहेगा।

कमरे में प्रत्याशी और उसके साथ एक व्यक्ति को ही प्रवेश दिया जाएगा।

कोई कोविड संक्रमित व्यक्ति चुनाव लडऩा चाहता है तो वह अपना नामांकन पत्र अपने प्रस्तावक या किसी अन्य प्राधिकृत व्यक्ति द्वारा रिटर्निंग व्यक्ति को भेज सकता है। वह स्वयं नहीं जाएगा।

नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी के समय जिला पंचायत के वार्डवार अभ्यर्थियों को एक-एक करके प्रवेश दिया जाएगा। यही प्रक्रिया क्षेत्र पंचायत के अभ्यर्थियों के संबंध में और नाम वापसी के दौरान अपनाई जाएगी।

नामांकन पत्र प्रस्तुत करने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी द्वारा रिटर्निंग अधिकारी को लिखित सूचना दी जाएगी कि परिणाम की घोषणा के बाद यदि कोई जुलूस, रैली या सभा की जाती है तो केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी कोविड-19 गाइडलाइन का पालन किया जाएगा।

मतदान कर्मियों की नियुक्ति के लिए शर्तें

संक्रमित होने की अधिक आशंका वाले गंभीर रोगों से ग्रस्त कार्मिकों को चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा। गर्भवती और धात्री महिलाएं भी प्रक्रिया से अलग रखी जाएंगी।

पर्याप्त संख्या में रिजर्व मतदान कार्मिक रखने होंगे, ताकि किसी कार्मिक के कोरोना संक्रमित पाए जाने पर रिजर्व कार्मिक को लगाया जा सके।

प्रस्थान से पहले मतदान दल के प्रत्येक कार्मिक और वाहन चालक की मेडिकल टीम द्वारा थर्मल स्कैङ्क्षनग करनी होगी।

मतदान दल के सदस्यों को प्रत्येक चरण के लिए एक लीटर सैनिटाइजर मतदाताओं के प्रयोग के लिए दिया जाएगा।

मतदान और मतगणना में शामिल कार्मिकों को प्रत्येक चरण में एक जोड़ा ग्लव्स दिए जाएंगे।

चुनाव प्रचार में यह होंगी प्रमुख बाध्यताएं

घर-घर चुनाव प्रचार के समय पांच व्यक्तियों से अधिक का समूह नहीं होना चाहिए।

यदि कोई अभ्यर्थी जनसभा, नुक्कड़ सभा करना चाहे तो समय-समय पर जारी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।

निर्देशों का पालन न करने पर आइपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई होगी। साथ ही आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के प्रविधानों के अनुसार मुकदमा दर्ज होगा।

मतदान के दिन रखनी होगी यह खास सावधानी

हर मतदाता को मास्क लगाना होगा। सिर्फ मतदाता की पहचान में संदेह होने पर ही मास्क हटाया जा सकेगा।

यदि थर्मल स्कैनिंग में किसी मतदाता का तापमान निर्धारित मानक से अधिक पाया जाता है तो उसकी दोबारा जांच कराई जाएगी। यदि वह यथावत रहता है तो उसे टोकन या प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा। उससे मतदान के अंतिम घंटे में वोट डलवाया जाएगा।

यदि कोविड-19 से ग्रसित कोई मतदाता वोट डालना चाहता है तो उसे मतदान के अंतिम घंटे में बुलाया जाएगा, जिसकी सूचना सेक्टर मजिस्ट्रेट को दी जाएगी। सेक्टर मजिस्ट्रेट तुरंत मतदान केंद्र पर पहुंचकर पीठासीन अधिकारी पीपीई किट सौंपेंगे। पीठासीन अधिकारी पीपीई किट पहनकर ही वोट डलवाएंगे।

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