जब डॉक्टर ही नही तो कैसे हो दवाई और पढ़ाई

कानपुर मेडिकल कॉलेज को रिक्त 52 विशेषज्ञ डाक्टरो का इंतज़ार,फ़ाइल शासन में पड़ी! 

कानपुर, कोरोना संक्रमण के कमी आ रही हैं लेकिन संक्रमित लोगो के ठीक होने के बाद उनको दूसरी बीमारियां घेर रही हैं।ब्लैक और व्हाइट फंगस भी फैल रहा हैं।ऐसे में विशेषज्ञ डॉक्टरों की बहुत आव्यशकता बढ़ गयी है।  

कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में कानपुर के आस पास जिलों से लगातार विभिन्न बीमारियों के मरीज आ रहे है।

कानपुर मेडिकल कॉलेज में फतेहपुर, औरैया, जालौन,कन्नौज,फरुखाबाद आदि जिलों से रोज मरीज आ रहे हैं।

लेकिन इस मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञ डॉक्टरों की बहुत कमी हैं। सरकार ने पिछले दिनों अन्य जिलों में डाक्टरों की नियुक्ति की लेकिन कानपुर मेडिकल कॉलेज को विशेषज्ञ डॉक्टर नही मिले।

कानपुर मेडिकल कॉलेज ने गत 8 अप्रैल को सविदा पर रिक्त पदों पर 52 विशेषज्ञ डाक्टरों का साक्षत्कार लेकर फ़ाइल लखनऊ भेज दी,आज 50 दिन के बाद भी किसी विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति नही हुई।

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से लेकर निदेशक चिकित्सा शिक्षा तक कह रहे हैं कि फ़ाइल शासन में पड़ी हैं।

जबकि मेडिकल कॉलेज में अन्य जिलों से आये मरीज नाराजगी दिखाते हुए कहते हैं कि आना बेकार गया ,विशेषज्ञ डॉक्टर ने नही देखा और जूनियर डॉक्टर ही ने पर्चा लिख दिया।

एक तरफ सरकार ने कोरोना व फंगस बीमारी को महामारी घोषित कर रखा हैं तो दूसरी तरफ कानपुर के इतने बड़े सरकारी मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञ डाक्टरों की भर्ती की फ़ाइल सरकार में लंबित पड़ी रहना समझ के परे हैं।

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