गो-आश्रय स्थलों पर वर्षा ऋतु के दृष्टिगत समुचित प्रबन्धन के निर्देश

पशुपालन विभाग द्वारा माननीय मुख्यमंत्रीजी, उ0प्र0 सरकार द्वारा दिए गये निर्देशों के अनुपालन में प्रदेश में निराश्रित/बेसहारा गोवंश की सुरक्षा हेतु स्थापित गो-आश्रय स्थलों पर वर्षा ऋतु के दृष्टिगत मूलभूत आवश्यकताओं की व्यवस्था एवं गहन पड़ताल हेतु समस्त 75 जनपदों में जनपदवार नोडल अधिकारी नामित करते हुए गत दिनांक 23 जुलाई से अग्रिम 10 दिनों हेतु भ्रमण पर भेजा गया है। समस्त नोडल अधिकारियों को गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंश के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को बनाए रखने के साथ-साथ अत्यधिक गर्मी एवं वर्षा के कारण होने वाली किसी भी पशु हानि को रोकने हेतु स्थानीय प्रशासन के सहयोग से समुचित प्रबन्धन कराए जाने के निर्देश दिए गये है। चारा/औषधि के अभाव में गोवंश की मृत्यु की दशा में संबन्धित अधिकारियों के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही की जायेगी।

यह जानकारी आज यहां पशुपालन विभाग के निदेशक, प्रशासन एवं विकास डा0एस0के0मलिक ने देते हुए बताया कि समस्त नोडल अधिकारियों द्वारा गोवंश की सुरक्षा हेतु आवश्यक प्रबन्धन, हरे चारे की व्यवस्था, पीने हेतु स्वच्छ/ताजा पानी, चौकीदार, औषधि की व्यवस्था आदि की व्यवस्था की गहन समीक्षा एवं निरीक्षण किया जायेगा। समस्त नोडल अधिकारी यह सुनिश्चित करेगें कि वर्षा ऋतु में पशुओं में होने वाली बीमारियों से संबन्धित औषधियॉ समस्त पशु चिकित्सालयों पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हों।
डा0एस0के0मलिक ने बताया कि प्रत्येक नोडल अधिकारी द्वारा जनपद के गो-आश्रय स्थलों का भ्रमण के समय शत प्रतिशत स्थलीय सत्यापन किया जायेगा। नोडल अधिकारी द्वारा भ्रमणकाल में किसी भी दशा में कम से कम 30 गौ-आश्रय स्थलों का निरीक्षण अवश्य किया जायेगा। जिन जनपदों में संख्या कम हो वहॉ संपूर्ण गौ-आश्रय स्थलों का भ्रमण सुनिश्चित किया जाना है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक नोडल अधिकारी दिनांक 26 जुलाई, 2021 को प्रथम बार एवं उसके उपरान्त प्रत्येक दूसरे दिन निरीक्षण सूचना प्रारूप पर तैयार कर निदेशालय को उपलब्ध कराएगें।
निदेशक पशुपालन ने बताया कि नोडल अधिकारी द्वारा स्थानीय प्रशासन/जिला प्रशासन के सहयोग से पाई गई कमियों एवं त्रुटियों का वास्तविक समाधान सुनिश्चित कराएगें तथा जनपद प्रवास के समय जनपद स्तरीय अनुश्रवण, मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की बैठक भी आयोजित कराएगें।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ब्राह्मण वंशावली

मिर्च की फसल में पत्ती मरोड़ रोग व निदान

ब्रिटिश काल में भारत में किसानों की दशा