ग्राम सचिवालय से सशक्त होगी ग्राम पंचायत

भारत के प्राचीनतम ग्रन्थ ऋग्वेद में ‘सभा‘ एवं ‘समिति‘ के रूप में लोकतांत्रिक स्वायत्तशासी संस्थाओं का उल्लेख मिलता है। इतिहास के विभिन्न अवसरों पर केन्द्र में राजनैतिक उथल-पुथलों के बावजूद सत्ता परिवर्तनों से निष्प्रभावित रह कर भी ग्रामीण स्तर पर यह स्वायत्तशासी इकाईयां पंचायतें आदिकाल से निरन्तर किसी न किसी रूप में कार्यरत रही है।

संविधान के अनुच्छेद 40 में यह निर्देश दिये गये है कि राज्य पंचायतों की स्थापना एवं उनके सुदृढ़ीकरण के लिए आवश्यक कदम उठाए। हालांकि संयुक्त प्रान्त पंचायत राज अधिनियम 1947 द्वारा उत्तर प्रदेश में 15 अगस्त, 1947 को पंचायतों की स्थापना हुई लेकिन 73 वें संविधान संशोधन द्वारा एक सुनियोजित पंचायतीराज व्यवस्था स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था में ग्राम पंचायत आम ग्रामीण जनता की लोकतंत्र में प्रभावी भागीदारी का सशक्त माध्यम है इस भागीदारी को और सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश सरकार संवैधानिक भावना के अनुसार पंचायतीराज संस्थाओं को अधिकार एवं दायित्व सम्पन्न करने के लिए सदैव कटिबद्ध रही है। इसी क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा ग्राम सचिवालयों की स्थापना की जा रही है। उत्तर प्रदेश में 58,189 ग्राम पंचायतें है, जो ़ि़त्रस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था की अहम कड़ी है। शासन  की सभी महत्वपूर्ण योजनाएं ग्राम पंचायतों के माध्यम से अथवा ग्राम पंचायतों का सुव्यवस्थित कार्यालय न होने से ग्राम पंचायत के कार्यों को सुचारू गति प्रदान करने में परेशानियां आती रही है। एंेसे में ग्राम सचिवालय की स्थापना ग्राम पंचायतों के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक अच्छा कदम है।
ग्राम स्तरीय विभागों के कर्मचारी एक निश्चित स्थान पर बैठकर कार्य संचालित करें इसके लिए ग्राम सचिवालय की भूमिका और भी बढ़ जाती है। ग्राम पंचायत की नियमित बैठकें भी पंचायत कार्यालय में नियत समय पर हों, यह पंचायत के प्रभावी तरीके से कार्य करने के लिए नितांत अपरिहार्य है। ग्राम पंचायत कार्यालय भवन की यथा आवश्यकता मरम्मत, विस्तार, नवनिर्माण का कार्य पूर्ण किया जाना प्रदेश सरकार की वरीयता में है। उपलब्ध सूचना के अनुसार 33,577 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन पूर्व निर्मित है, इन पंचायत भवनों में आवश्यकतानुसार मरम्मत व विस्तार की कार्यवाही अगले 03 माह में पूर्ण किए जाने की योजना है। 24,617 पंचायत भवनों का निर्माण किया जाएगा, जिनमें 2088 आर0जी0एस0ए0 के अन्तर्गत तथा 22,529 वित्त आयोग एवं मनरेगा के अन्तर्गत स्वीकृत कर निर्मित किए जाएगें। इन सभी 24,617 निर्माणधीन पंचायत भवनों को अगले 03 माह के अन्दर युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। ग्राम सचिवालयों को हाईटेक बनाने के लिए कम्प्यूटर एवं अन्य उपकरणों की व्यवस्था की जाएगी। कार्यालय में कम्प्यूटर एवं अन्य उपकरणों के साथ इन्टरनेट की व्यवस्था ग्राम पंचायतें स्वयं करेंगी। ग्राम पंचायतें भारतनेट के अन्तर्गत जो भी कनेक्शन उपलब्ध है, वह लेंगी, आवश्यकतानुसार डोंगल आदि का भी क्रय कर सकेंगी। ग्राम सचिवालय में जनसेवा केन्द्र की स्थापना का भी प्रावधान है साथ ग्राम पंचायत के लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ कराने के लिए ग्राम सचिवालय में बी0सी0 सरवी के लिए भी जगह उपलब्ध कराई जाएगी। ग्राम सचिवालयों में दिन प्रतिदिन कार्यों में सहायता प्रदान करने के लिए पंचायत सहायक/एकाउण्टेन्ट-कम डाटा इन्ट्री ऑपरेटरों के चयन की कार्यवाही की जा रही है। कुल मिलाकर ग्राम सचिवालयों की स्थापना ग्राम पंचायतों के लिए रीढ़ की हड्डी साबित होगी।  

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