नवगठित समिति नियम समिति का हुआ उद्घाटन
श्री दीक्षित ने बताया कि जब सदन सत्र में नहीं होता तो विधान सभा की समितियों के माध्यम से सदन का कार्य संचालित होता है। इस दृष्टि से संसदीय समितियां सदन का विस्तार है। उत्तर प्रदेश में 19 समितियां है और सभी समितियों का काम और विस्तार अलग-अलग है। वैश्विक महामारी कोविड के चलते सामान्य जन जीवन भी प्रभावित हुआ है। हम अपने नियमित कर्तव्य पालन को भी संपादित करने में सफल नहीं हो पाए है। महामारी ने हर तरह से रास्त रोक रखा था इसलिए समिति की बैठकें नहीं हो पाई।
श्री अध्यक्ष ने बताया कि नियम समिति विधान सभा की एक अत्यंत्र महत्वपूर्ण समिति है, जो सदन में प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली के सम्बन्ध में प्राप्त महत्वपूर्ण सुझावों एवं संशोधनों पर विचार करती है और उक्त नियमावली में ऐसे संशोधनों की सिफारिश करती है जो वह आवश्यक समझे। उन्होंने बताया कि विधान सभा का कोई भी मा॰ सदस्य इस नियमावली के सम्बन्ध में संशोधन की सूचना दे सकता है। इसी नियम समिति की संस्तुति पर विधान सभा की नई समिति संसदीय अनुश्रवण समिति का गठन किया गया है।
ऋग्वेद एवं अथर्ववेद का उल्लेख करते हुए श्री दीक्षित ने कहा कि दोनों में सभा और समितियों का जिक्र आता है। उस समय भी सभा और समितियों के माध्यम से राष्ट्र जीवन को संचालित किये जाने का कार्य होता था। सभा और समितियों के लिए भी नियम बनाए गये थे। विधान सभा की नियम समिति भी विधान सभा की कार्यप्रणाली कैसे संचालित हो उसके लिए नियम का निर्माण करती है।
नियम समिति में उपस्थित मा0 सदस्यगण ने मा0 अध्यक्ष को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया और समिति के कार्य संचालन में अपना अमूल्य योगदान देने का संकल्प दोहराया।
बैठक में उत्तर प्रदेश विधान सभा के प्रमुख सचिव, श्री प्रदीप कुमार दुबे एवं अन्य अधिकारियों ने भी भाग लिया।