दरकने लगी है धरती सूखा बढ़ा रही किसानों की चिंता।

 

उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश न होने की वजह से खेतों से हरियाली गायब हो रही है। इंद्र देव के रूठने से भयंकर सूखे जैसे हालात बन गये है ।और कृषि पर निर्भर रहने वाला सूबे का किसान सूखे की संकट से जूझ रहा है । लेट से आये मानसून और उस पर भी आसमान में कभी कदा दिख जाने वाले बादलों के बिन बरसे ही वापस चले जाने से किसानों की चिंता लगातार बढ़ रही है / आषाढ़ उतारने को है और सावन का महीना शुरू होने ही वाला है लेकिन बारिश ना होने के कारण  बुबाई अभी तक बुआई और रोपाई भी नही हो सकी है । बिना पानी के रोपे गए धान की पौध पीली पड़ती जा रही है। प्यासे खेतों में दरारें पड़ने लग गईं हैं ।हवा की झोंको के साथ फसलों के लहराने की बजाय खेतों से धूल के गुबार उड़ रहे हैं / पानी के अभाव में हरी घास को तड़प रहे दुधारू जानवर ज़िंदा रहने के लिए सूखे खेतों में ही अपना आहार तलाश रहे हैं । किसानों पर रहम करो इंद्र देव! कोरोना की कहर से वैसे भी किसानों के साथ साथ आम लोगों की कमर टूट चुकी है। कथित रूप से गरीबों को मुफ्त में राशन बांटने का "हुजूर" का ख्वाब तभी पूरा हो पायेगा जब ₹ 90 के पार डीजल खरीदकर खेतों की जुताई करने वाले किसानों के खेतों को मानसून का पानी मिलेगा। इसलिए हे इंद्रदेव! आप अपना मिजाज बदलिए, किसानों पर कृपा बरसाइये। 

इंद्र देव ! क्या आपको पता नहीं कि कड़ी धूप और हांड़ कंपाऊ सर्दी को सह कर जब किसान अपने खेतों में हांड़ तोड़ मेहनत करता है तब  ही वह पूरे राष्ट्र को भोजन मुहैया करा पाता है।

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