67 प्रतिशत बढा सरकार का निर्यात: केंद्रीय मंत्री
प्रगतिशील भारत और इसके गौरवशाली इतिहास के 75 वर्ष पूर्ण होने का उत्सव मनाने के उपलक्ष्य में, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय और उतर प्रदेश सरकार द्वारा 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' समारोह के अंतर्गत राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में वाणिज्य उत्सव का आयोजन किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुये केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सुश्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये भारत सरकार की तरफ से बकाया 56 हजार करोड़ रुपये से अधिक की निर्यात प्रोत्साहन राशि जारी कर दी गयी है. उन्होंने निर्यातकों से इस राशि को पाने के लिये 31 दिसम्बर से पहले आवेदन/क्लेम करने की अपील की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत ,लोकल फार वोकल, मेक इन इंडिया का ही परिणाम है कि कोविड-19 के विषम समय में भी भारत का निर्यात बढ़ा जो कि अपने आप में एक गौरव का विषय है। आईएमएफ के आंकड़ो की जानकारी देते हुये केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले वित्तीय वर्ष में भारत की वैश्विक अर्थव्यवस्था 6 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी और 2021 में वैश्विक मर्चेंडाइज बढ़कर 8 प्रतिशत हो जायेगा. उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष 2020-2021 मे भारत सरकार का मर्चेडाइज एक्सपोर्ट का लक्ष्य 400 बिलियन डालर का है. 2027-2028 मे हम इसे बढाकर 2 ट्रिलियन डालर तक लेकर जायेगें. इस दो ट्रिलियन डालर में --एक ट्रिलयन डालर का योगदान मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट का होगा,और एक ट्रिलियन डालर को योगदान सर्विस एक्सपोर्ट का होगा.
उन्होंने कहा कि कोरोना की विषम परिस्थितियों के बावजूद पिछले पांच महीने के अंदर भारत का निर्यात 67 प्रतिशत बढ़ा है, पिछले वर्ष पहले पांच महीनों के अंदर भारत सरकार का निर्यात 98 बिलियन डालर था जो कि इस वर्ष बढकर 164 बिलियन डालर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि उतर प्रदेश में भी महामारी के वाबजूद निर्यात में किसी तरह की कमी नहीं आयी. 2017 से पहले उतर प्रदेश का निर्यात 84 हजार करोड़ रुपये हुआ करता था जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार में बढ़कर 1 लाख 21 हजार करोड़ हो गया है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सुश्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था कि निर्यात को बढावा देने के लिये आवश्यक है कि हर जिले का एक एसा उत्पाद चुना जाये जिसका निर्यात किया जा सके। जिसकी तर्ज पर उतर प्रदेश सरकार की एक जिला,एक उत्पाद योजना निर्यात में काफी सराहनीय भूमिका निभा रही है।उन्होंने कहा कि उतर प्रदेश मे अपार संभावनाये भी है और क्षमता भी .लघु उद्दोग और निर्यात को बढावा मिले इसके लिये केंद्र और उतर प्रदेश सरकार की संयुक्त पहल से बुनियादी ढांचे पर काफी कार्य किया गया अंतर्गत प्रदेश में नए एक्सप्रेस वे, एअरपोर्ट ,मेट्रो स्टेशन और डिफेंस कारिडोर का निर्माण किया गया है जो लघु उद्दोग और निर्यात के प्रोत्साहन में सहायक होंगे। उन्होंने कहा कि निर्यातकों के प्रदेश में उतर प्रदेश 5.6 प्रतिशत की दर के साथ पांचवे नम्बर पर है. प्रदेश के निर्यात का 80 प्रतिशत श्रेय ओडीओपी योजना को जाता है। उतर प्रदेश पहला एक एसा राज्य है जिसकी खुद की अपनी एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट पालिसी है.
उन्होंने कहा कि भारत के उत्पाद और निर्यातक शक्ति की झलक दुबई एक्सपो मे देखने को मिलेगी जो एक अक्टूबर 2021 से एक मार्च 2022 तक चलेगा और भारत उसमें सक्रिय रुप से सहभागिता करेगा ।लखनऊ की चिकनकारी और भदोही की कालीन की गुणवत्ता पूरा विश्व देखेगा. उन्होंने कहा कि निर्यात को बढावा देने के लिये एडवांस आथराइजेशन स्कीम है जिसके अंतर्गत निर्यात उत्पाद के लिये जो भी वस्तुये आवश्यक है वो ड्यूटी फ्री होंगे.