पॉलीहाउस मे खीरा की खेती


  • खीरे का उत्पादन अभी तक खुले वातावरण में ही बरसात ऋतु में किया जाता रहा हैं किन्तु फल मक्खी के अत्यधिक प्रकोप के कारण इसकी सफल खेती के लिए किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं। सर्दी के मौसम व आरम्भिक बसंत व ग्रीष्म ऋतु में खीरे की उपलब्धता बाजार में कम होने के कारण इसकी खेती किसानों को इस समय ज्यादा लाभप्रद हो सकती हैं।
    अतः निचले व मध्य क्षेत्रों के पॉलीहाउस उत्पादक कम खर्च से परिवर्तित प्राकृतिक हवादार पॉलीहाउस में खीरे की दो फसलें (बसंत तथा पतझड़ शीत) ऊगा सकते हैं तथा बाजार में उस समय खीरे के भाव भी ठीक होते हैं तथा कीटनाशकों व फफूंदनाशकों का छिड़काव किये बिना ही पॉलीहाउस में इसका सफल उत्पादन कर सकते हैं।
    पॉलीहाउस में खीरे के सफल उत्पादन के लिए सस्य कियायें
    1- पॉलीहाउस में खीरे के सफल उत्पादन के लिए पार्थिनोकार्पिक किस्में जिनमे बिना परागकण के फल तैयार होते हैं जैसे की क्यानख, पी.सी.पी.एच.-5, इसेटिस, मल्टीना, मनसोर, हसन इत्यादि ही लगाए।
    2- पॉलीहाउस की ऊंचाई के अनुसार एक या दो टहनियां लेकर रस्सी या सुतली से ट्रेनिंग करें तथा अतिरिक्त टहनियों की काट-छाट करते रहें।
    3- पहली पांच गांठों तक फूलों को निकाल दें।
    सिंचाई- ड्रिप विधि से सिंचाई करें तथा तरल खाद पौधे लगाने के तीन सप्ताह बाद भूमि के उपजाऊपन के अनुसार सप्ताह में एक या दो बार दें तथा अंतिम तोड़ाई से 15 दिन पहले तरल खाद देना बंद कर दें।
    अतः किसान भाई पॉलीहाउस तकनीक अपनाकर सिर्फ बेमौसमी सब्जिया ही नहीं अपितु विषाणु रहित बढियाँ गुणवत्ता वाली सब्जियां उगाकर अधिक लाभ अर्जित कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आवश्यक हैं की किसान कम लागत वाली तकनीक को अच्छी तरह जाने ताकि कम से कम खर्चों में उच्च गुणों वाली सब्जियों का उत्पादन कर सकें।
    बाजार की उच्च मांग के अनुसार तथा खुले वातावरण के खतरों से बचने के लिए तथा सिमित जगह पर पॉलीहाउस में इन फसलों की खेती करना एक अच्छा विकल्प है ।



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