अपने जैव उत्पाद का पंजीकरण कहाँ और कैसे करायें -
उत्तर प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था को जैविक प्रमाणीकरण के लिए नोडल संस्था नामित
किया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था द्वारा जैविक प्रमाणीकरण का कार्य दिनॉक 08 अगस्त, 2014 से प्रारम्भ किया गया।
उत्तर प्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था द्वारा जैविक उत्पाद का सत्यापन करके यह सुनिश्चित किया जाता है कि उत्पाद जिन्हें जैविक कहा जा रहा है, उनके उत्पादन में जैविक बावत् निर्धारित निश्चित मापदण्डों का पालन सुनिश्चित किया गया है। इस प्रकार से जैविक प्रमाणाकरण प्रणाली में उत्पादन विधि (Process) को प्रमाणित (Certify) किया जाता है।
जैविक प्रमाणीकरण कार्यक्रम में फसल उत्पादन के लिए उत्तर प्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था में दो तरीके से आवेदन किया जा सकता है-
(1) व्यक्तिगत जैविक प्रचालक (Individual Operator)
(2) जैविक समूह प्रमाणीकरण (Group Certification) उपरोक्त दोनों प्रकार में पंजीकरण हेतु प्रोफार्मा उत्तर प्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था की वेबसाइट www.upsoca.org पर उपलब्ध है।
1. व्यक्तिगत उत्पादक के रूप में पंजीकरण करानें हेतु आवश्यक दस्तावेज :-
*अगले फसल सत्र हेतु वार्षिक फसल योजना।
*भूमि के दस्तावेज।
*आपरेटर का पैन कार्ड।
*आपरेटर का आधार कार्ड।
*फार्म मैप, जिसमें आसपास के फार्मों की स्थिति परिलक्षित हों।
*प्रक्षेत्र का जी0पी0एस0 (G.P.S. Data)* उत्तर प्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था से अनुबन्ध।
*फार्म डायरी का प्रारूप।
*आपरेटर का पासपोर्ट आकर का फोटो।
2 सामूहिक प्रमाणीकरण :-
कृषकों के समूह तथा जैविक प्रमाणीकरण संस्था के बीज में समूह सेवा प्रदाता संस्था (service provider) की अहम भूमिका होती है। यह जैविक प्रमाणीकरण कार्यक्रम के व्यवस्थित संचालन के लिए आन्तरिक नियंत्रण प्रणाली (आई0सी0एस0) की स्थापना करती है तथा निम्न कार्यों के लिए जिम्मेदार है-
*यह कृषकों को संगठित पर जैविक उत्पादन के लिए प्रशिक्षित करती है।
*समूह में राष्ट्रीय जैविक उत्पादन मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करती है।
*प्रमाणीकरण संस्था में पंजीयन कराकर जैविक प्रमाण पत्र प्राप्त करती है।
*समूह के जैविक उत्पादन का संगठित विपणन करती है।
3. कृषक समूह प्रमाणीकरण हेतु मुख्य आवश्यकतायें :-
*समूह का वैधानिक स्टेटस (Legal Status) या संरचनात्मक ढॉचा होना चाहिए।
*समूह प्रमाणीकरण की सफलता के लिए समूह में शामिल सभी कृषक एक समान उत्पादन लेने वाले
भौगोलिक रूप से सभी के क्षेत्र एकचक में आने वाले तथा लगभग एमान विचारधारा अपनाने वाले होने
चाहिए। समूह में कम से कम 25 तथा अधिकतम 500 सदस्य हों सकते हैं। अनुमोदित कृषक सूची जिसमें सभी कृषको का खसरा नं0 एवं जी0पी0एस0 (G.P.S. data) आधार संख्या तथा बैंक खाते का विवरण सम्मिलित हो। अग्रिम वर्ष हेतु सभी कृषको की फसल उत्पादन की योजना।
*आई0सी0एस0 मैनुअल जिसमें उसके संचालन एवं सदस्यों की यथानुसार लिखित जिम्मेदारियाँ दी गई हो।
*समूह का राष्ट्रीयकृत बैंक में खाता तथा आई0सी0एस0 (समूह) का पैन कार्ड।
*आई0सी0एस0 (समूह) मैनेजर का आधार कार्ड।
*आई0सी0एस0 (समूह) मैनेजर की पासपोर्ट आकार की फोटो।
*समूह मानचित्र जिसमें समूह की सभी फार्मों की स्थिति परिलक्षित हो रही हो।
*कृषक का समूह में पंजीयन तथा अनुबन्ध की कापी। (सभी कृषकों के लिये)
*आंतरिक निरीक्षण का प्रारूप (सभी कृषकों के लिये)
*फार्म डायरी का प्रारूप् (सभी कृषकों के लिये)
वर्तमान में लागू जैविक प्रमाणीकरण शुल्क
क्र0सं0 मद धनराशि (रू0 में) टिप्पणी
1 सूचना एवं आवेदन प्रपत्र 300.00 -
2 मूल्यांकन एवं पत्रावली तैयार करना 500.00 -
3 निरीक्षण एवं प्रमाणीकरण शुल्क लघु समूहों हेतु (100 कृषकों तक) 1000.00 वार्षिक
4 निरीक्षण एवं प्रमाणीकरण शुल्क, बृहद समूहों हेतु (100 कृषकों सेअधिक) 3000.00 वार्षिक
5 निरीक्षण एवं प्रमाणीकरण शुल्क व्यक्तिगत कृषकों हेतु 2.00 हे0 तक 600.00
(अ ) 2.00 से 5.00 हे0 तक 1800.00
(ब) 5.00 से 10.00 हे0 तक 3600.00
(स ) 10.00 हे0 से अधिक 4800.00 वार्षिक
6 निरीक्षण एवं प्रमाणीकरण शुल्क वन्य उत्पाद हेतु 1000.00 वार्षिक
7 स्कोप प्रमाण-पत्र 750.00 प्रत्येक बार
8 विनिमय प्रमाण-पत्र 750.00 प्रत्येक बार
9 यात्रा व्यय 1200.00 वार्षिक
10 प्रयोगशाला परीक्षण (आवश्यकतानुसार अवशेष परीक्षण) 2000.00 मृदा, जल एवं
पौध अवशेष
11 वार्षिक नवीनीकरण 750.00 वार्षिक