मानसून की सुस्त रफ्तार,वर्षा में 43 फीसदी की कमी

मौसम विभाग ने कहा है कि देश में मानसून की सुस्त रफ्तार के कारण इसकी कमी 43 फीसदी तक पहुंच गई है। अभी यह महाराष्ट्र तक भी नहीं पहुंच पाया है।


मानसून के उत्तर की ओर आगे बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि चक्रवात वायु की तीव्रता कम होने की वजह से अरब सागर की ओर बढ़ने के लिए मानसूनी हवाओं का मार्ग प्रशस्त हो गया है। मौसम विभाग ने रविवार 15 जून को यह जानकारी दी। अब तक, मानसून को मध्य प्रदेश, राजस्थान, पूर्वी उत्तर प्रदेश और गुजरात के कुछ हिस्सों सहित मध्य भारत तक पहुंच जाना चाहिए था, लेकिन यह महाराष्ट्र तक भी नहीं पहुंच पाया है।


भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, मानसून अभी भी दक्षिणी प्रायद्वीप के ऊपर मैंगलोर, मैसूर, कुड्डलोर और पूर्वोत्तर में पासीघाट, अगरतला के ऊपर है। पश्चिमी तट में महाराष्ट्र से लेकर गुजरात तक चक्रवात के कारण वर्षा हुई है। केवल तटीय कर्नाटक और केरल में मानसून के कारण बारिश हुई है। वायु के सोमवार की शाम को गुजरात तट को पार करने की उम्मीद है। यह मानसूनी हवाओं के अरब सागर की ओर बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करेगा। मानसून ने अपने सामान्य समय के लगभग एक हफ्ते बाद 8 जून को केरल में दस्तक दी।


मौसम विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक देवेंद्र प्रधान ने कहा, 'चक्रवात वायु के कारण मानसून की गति रुक गई। वायु की तीव्रता कम हो गई है और हम अगले 2-3 दिनों में मानसून के आगे बढ़ने की उम्मीद करते हैं।'


देश में मानसून की सुस्त रफ्तार के कारण इसकी कुल कमी 43 फीसदी तक पहुंच गई है। मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गोवा में 59 प्रतिशत वर्षा की कमी दर्ज की गई है, जबकि पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 47 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, दक्षिण भारतीय राज्यों और महाराष्ट्र के जलाशयों में जल स्तर पिछले दस वर्षों के औसत से कम है। देश के कई हिस्सों में खासकर पूर्वी भारतीय राज्यों झारखंड, बिहार और ओडिशा में तेज गर्मी पड़ रही है।


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