बीज,कीटनाशक और उर्वरक खरीदते समय किसान रखें इन बातों का ध्यान


किसान फसलों में कितनी और कौन की उर्वरक डालनी है या फिर कीड़े और रोग लगने पर कौन सा कीटनाशक डालना है, इसके लिए खुद की मर्जी या फिर स्थानीय दुकानदारों की सलाह लेते हैं। लेकिन ये कई बार उन्हें ना सिर्फ काफी नुकसान पहुंचाता है बल्कि पैसे खर्च करने के बावजूद फसल को फायदा नहीं होता। किसानों को चाहिए कि वो कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लेकर ही इनका इस्तेमाल करें।
किसानों को लाइसेंस वाली दुकान से ही खाद, बीज और कीटनाशक लेनी चाहिए और इससे पहले जानकारों की राय जरुर लें। ब्लॉक में काम कर रहे कृषि पर्यवेक्षकों से भी सही जानकारी मिल जाती है कि कब और कैसे उर्वरक या फिर कीटनाशक का प्रयोग कर सकते हैं। अगर कोई जानकार नहीं मिलता है कृषि विभाग में फोन से जानकारी ले सकते हैं।
सहकारी समिति अथवा लाइसेंस वाली दुकान से क्रय करते समय इन बातों का रखें ध्यान :-



1.रासायनिक बैग, बीज के बैग या कीटनाशक की बोतल सीलबंद है, यह चेक करके ही खरीदें, यह भी जांच लें कि वस्तु की अवधि समाप्त तो नहीं हुई है।
खरीद की वस्तु का पक्का बिल लें, बिल में लाइसेन्स नंबर, पूरा नाम, पता और हस्ताक्षर होने चाहिए। बिल मे उत्पाद का नाम, लॉट नंबर, बेन्च नंबर, और दिनांक दर्शाया गया हो उससे वस्तु के साथ मिला के देखें
किसानों के द्वारा  कीटनाशनक के दुरुप्रयोग पर फसल चौपट होने के बावजूद कोई मुआवजा नहीं मिल पाता क्योंकि किसान के पास उक्त कंपनी या दुकान से सामान खरीदने की पक्की रसीद नहीं होती है।
2.उर्वरक बैग पर फर्टिलाईजर, बायोफर्टीलाईजर, ओर्गेनिक फर्टीलाईजर या नॉन-एडीबल, डी-ओइल्ड केक फर्टीलाइजर जैसे शब्द लिखे होते हैं, अगर यह शब्द न लिखे हों तो ऐसी बैग न खरीदे।
3.वृद्धी कारक (ग्रोथ हार्मोंस) समेत जंतुनाशक दवाई पर सेन्ट्रल इन्सेक्टीसाइड बोर्ड के द्वारा दिए गये सीबीआई रजिस्ट्रेशन नंबर और उत्पादन लाइसेन्स पर 45 अंश के कोने मे हीरे (डायमंड) के आकार मे बने वर्गों के दो त्रिकोण में लाल, पीला, नीला या हरे रंग में उसके जहरीलेपन की निशानी की चेतावनी लिखी होती है। अगर बोतल,पाउच, पैकेट या बैग पर यह न दर्शाया हो तो उसको कभी न खरीदें।
4.अगर, बीज, कीटनाशक या उर्वरक की गुणवत्ता मे कोई संदेह हो तो नजदीकी कृषि विशेषज्ञ या कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केन्द्र से संपर्क करें।


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