नीम लेपित यूरिया के लाभ

नीम लेपित यूरिया के लाभ :-



(1) कृषि लागत में कमी।


(2) कृषकों की आय में वृद्धि।


(3) 10 प्रतिशत तक यूरिया की बचत।


( 4) 10-15 प्रतिशत तक उपज में वृद्धि।


(5) नत्रजन के धीरे-धीरे निकलने के कारण मृदा उर्वरा को मद्द मिलती है।


(6) यूरिया का आयात कम होगा।


(7) यूरिया की सब्सिडी की बचत होगी।
8) नीम लेपित यूरिया का संतुलित इस्तेमाल संभव होगा।


(9) यूरिया के औद्योगिक इस्तेमाल पर अंकुश लगेगा।


(10) पर्यावरण अनुकूल है।


(11) नत्रजन प्रयोग दक्षता में वृद्धि।


(12) नाइट्रीफिकेशन अवरोधी।


(13) वाष्पीकरण तथा निक्षालन (लीचिंग) से नत्रजन की होने वाली क्षति को कम करता है।
यूरिया के अत्यधिक प्रयोग से हानि :-
यूरिया पर सब्सिडी दिये जाने से अन्य उर्वरकों की तुलना में सस्ता होने के कारण कृषक अंधाधुंध असंतुलित मात्रा में यूरिया का प्रयोग करते है, जिसके कारण निम्नलिखित हानियॉ होती हैः-
(1) कृषि लागत में वृद्धि।


(2) भूमिगत जल, मृदा एवं वायुप्रदूषण में वृद्धि।


(3) नत्रजन की अधिक क्षति।
4) यूरिया के अत्यधिक प्रयोग से फसलों की अधिक बढवार हो जाती है, जिसके कारण फसल जल्दी गिर कर नष्ट हो जाती है तथा दलहनी फसलों में कलियॉ कम लगती है।


(5) कीट एवं रोगो के संक्रमण में वृद्धि होती है।


(6) फसल गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है।
 (7) नत्रजन कुशलता में कमी।


(8) शुद्ध लाभ में कमी।


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