प्रतिकूल परिस्थिति में स्ट्रॉबेरी की खेती

बिहार में औरंगाबाद के एक किसान ने स्ट्रॉबेरी के लिए अनुकूल भूमि न होते हुए भी उसने न सिर्फ स्ट्रॉबेरी की खेती की, बल्कि कृषि विभाग के उस रिसर्च को भी फेल कर दिया, जिसके अनुसार यह कहा जा रहा था कि बिहार की भूमि में स्ट्राबेरी की खेती असंभव है। जिले के कुटुंबा प्रखंड के चिल्लकी बिगहा गांव के किसान बृज किशोर मेहता ने सोलह कट्ठा जमीन में स्ट्राबेरी ऊपजाई है। पहले सीजन में ही चार लाख रुपए का मुनाफा हुआ है। इससे वे काफी उत्साहित हैं। आईएससी तक पढ़े बृजकिशोर मेहता कृषि के क्षेत्र में जानकारी के लिए समस्तीपुर पूसा विश्वविद्यालय में जाकर ट्रेनिंग भी ले चुके हैं।



पूसा में बताया गया था कि स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए बिहार की जमीन अनुपयोगी है और उसकी खेती यहां नहीं हो सकता। बावजूद वह हौसला नहीं खोए और अपने मिशन में जुटे रहे। नतीजा सामने आया। स्ट्रॉबेरी की उम्दा खेती हुई और कृषि विभाग हैरत में पड़ गया। खेती और बृज किशोर के सफलता को देखकर आस-पास के किसान उनके मुरीद हो गए। एक एकड़ जमीन में स्ट्रॉबेरी की खेती करने में लगभग पचास हजार का खर्च आता है, जिसमें लगभग पौने चार लाख रुपए का मुनाफा होता है। बाजार में स्ट्रॉबेरी की कीमत छत्तीस सौ रुपए प्रति क्विंटल है वहीं एक एकड़ जमीन में लगभग 96 क्विंटल इसकी ऊपज होती है।


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