रंगो से जाने फसलों की जरूरत


जस्ता- पत्ते पतले और पत्ते के किनारे टेढ़े-मेढ़े होने लगते हैं। बेकार टहनियां दिखने लगती हैं और पौधे की लंबाई बौने साइज की रह जाती है।



पोटाश - पत्तों के किनारे समय से पहले ही सूख जाते हैं। पैधे के विकास की रतार धीमी हो जाती है। 


मैगनीज - पुराने पत्ते तेज पीले रंग के हो जाते हैं। पत्ती के जड़ पर तिकोना हरा रंग का आकार बन जाता है।


सल्फर - नए पत्ते पीले पड़कर मुरझे लगते हैं और इसके नजदीक के पत्ते गहरे हरे रंग के ही रहते हैं।


कैल्शियम- अगर पत्तियां अंदर तरफ बंद सी दिखने लगें, तो समझ जाइए कि पौधे में कैल्शियम की कमी हो रही है।


लोहा- इसमें पहले तो पत्ते का रंग हल्का हो जाता है। अगर लोहा तत्व की ज्यादा कमी है तो पत्ते ज्यादा पीले या फिर ज्यादा सफेद रंग के हो जाते हैं।


तांबा- अगर पौधे की जड़ से पत्ते अधिक निकल रहे हैं या फिर पत्तियों की नोक मुड़कर रही है या सूख रही है तो इसका मतलब है कि फसल में तांबे वाले पोषक तत्व की कमी है।


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