अपनी छत पर ही उपजाए ज़हर मुक़्त सब्जियाँ !

कीटनाशक युक्त सब्जियों के उपयोग से बचने के लिए बढ़ती जागरूकता ने कई महिलाओं को अपनी छत के ऊपर या पिछवाड़े में उपलब्ध सीमित स्थान में ही अपने परिवार के जरुरत की सब्जियां उगाने के लिए उत्साहित किया है। वे अपनी सब्जियों को जैविक मानती हैं क्योंकि उत्पादन के लिए कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों का उपयोग नहीं किया जाता हैं। ऑर्गेनिक माध्यम से पोषित सब्जियों का स्वाद बेहतर होता है और गृहिणियां स्वंय उगाई सब्जियों को बनाकर ज्यादा संतुष्ट होती हैं। नई पीढ़ी के बच्चों की दैनिक भोजन में सब्जियों के प्रति कम रूचि माताओं के लिए एक आम समस्या है। कई बार जब बच्चे घर की बगिया में योगदान देते हैं, तो वे सब्जियों के व्यंजन अधिक पसंद करते हैं|
लखनऊ की  गृह वाटिका में रुचि रखने वाली महिलाओं के अनुरोध पर सी आई एस एच ने अपने रायबरेली रोड परिसर पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम किया| इस कार्यक्रम में भाग लेने वाली अधिकांश महिलाएं अनुभवी थी और उन्हें नई जानकारी प्राप्त करने मैं भी अभिरुचि थी| डॉ एस आर सिंह ने एक  छत के ऊपर एक उत्कृष्ट गृह वाटिका के विभिन्न आवश्यकताओं के बारे में विस्तार से बताया और किस तरह से साल भर पर्याप्त सब्जी का उत्पादन हो सकता है इस पर टिप्स भी दिए| उन्होंने एक उत्तम लेआउट के बारे में चर्चा की तथा रसोई से निकलने वाले कचरे खाद में परिवर्तित करने के लिए स्थान प्रदान करने के लिए सुझाव दिया| शहरों में जगह सीमित है इसलिए छत पर कुशल तरीके से उन सब्जियों को उगाना लाभदायक होता है| नियमित फल देने वाली सब्जी या जिनकी पत्तियों को कई बार काटकर सब्जी बनाई जा सके को प्राथिमिकता दी जनि चाहिए| छत पर उपलब्ध स्थान और अन्य बिल्डिंग या पेड़ों के कारण होने वाली छाया को ध्यान में रखते हुए सब्जियों का चुनाव करना चाहिए| कम स्थान में, दीवाल के सहारे या कोने पर बेल वाली सब्जियों के उत्पादन के बारे में भी चर्चा की गई|


महिलाओं को छत पर उपयोग किए जाने वाले कंटेनरों, मिट्टी के मिश्रण और जल निकासी आदि की विशेषताओं के बारे में जानने के लिए बहुत दिलचस्पी थी। कई महिलाओं ने मशरूम बैग के बारे में जानकारी के लिए मांग की और सामान्य घर अधिक अवधि के लिए अधिकतम मशरूम उत्पादन के तरीके जानने चाहे। डॉ गुंडप्पा, ने उन्हें सब्जियों पर लगने वाले विभिन्न कीटों के बारे में जागरूक किया। उन्होंने उन तरीकों को समझाया जिनके द्वारा कीटनाशकों के उपयोग से बचा जा सकता है और कीटों को प्रभावी रूप से नियंत्रित भी किया जा सकता है।
किचन गार्डन में रुचि रखने वाली महिलाओं ने जैविक तरीके से सब्जी उत्पादन के लिए जानकारी देने के लिए विशेष मांग की| डा राजन ने बताया की संस्थान द्वारा निकट भविष्य में इस विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा जिसमें विभिन्न प्रकार के जैविक  उत्पादों को बनाने और कीटों से बचाव के लिए जैविक कीटनाशक के बारे में व्यावहारिक जानकारी दी जाएगी|  कीटनाशकों के उपयोग के बिना ही कैसे सब्जी उत्पादन करें तथा बगिया में पाए जाने वाले मित्र कीटों के संरक्षण के महत्व के बारे में भी चर्चा की गई| डॉ पीके शुक्ला ने  घरेलू पौधों में लगने वाली  बीमारियों के बारे में जानकारी दी और  उनके प्रबंधन के आसान तरीके बताएं|



कुछ दशक पहले,  सब्जियां केवल एक विशिष्ट मौसम में ही उपलब्ध होती थी लेकिन अब अधिकतर सब्जियां साल भर बाजार में देखी जा सकती है| महिलाओं में यह जानने की उत्सुकता थी कि बेमौसमी सब्जियां कितनी सुरक्षित है? विशेषज्ञों ने  सब्जियों के उत्पादन में कीटनाशकों के  छिड़काव की आवश्यकता के बारे में बताकर उन्हें यह अवगत कराया कि कब सब्जियों में फसल को बचाने के लिए कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग किया जाता है अतः बाजार में  बेमौसमी सब्जियां विषैली भी हो सकती है| किचन गार्डन से नियमित रूप से सब्जियां प्राप्त करने के लिए  कैलेंडर बनाने की विधि एवं आवश्यकताओं के बारे में भी चर्चा की गई ताकि स्थान का सही उपयोग हो सके और  सब्जियों को सही समय पर लगाया जा सके| संस्थान ने टमाटर, शिमला मिर्च, लेट्यूस, बैगन और कई अन्य सब्जियों की अच्छी किस्मों की पौध भी उपलब्ध कराई| हाइड्रोपोनिक्स का एक कम लागत वाला मॉडल भी प्रदर्शित किया गया जिसमें छोटे से स्थान पर घरेलू आवश्यकता के अनुसार हरी सब्जियां उगाई जा सकती है | इस मॉडल  ने सबको आकर्षित किया और मॉडल के रखरखाव एवं उपलब्धता के बारे में भी जानकारी दी गई| कई प्रतिभागियों ने छोटे मॉडल बनाने में के लिए दिलचस्पी दिखाई जिसे घर में बालकनी में भी रखा जा सके|


वैज्ञानिकों एवं छत पर सब्जी उत्पादन में रुचि रखने वाली महिलाओं के बीच में इस प्रशिक्षण द्वारा संपर्क स्थापित करने के अतिरिक्त व्हाट्सएप ग्रुप के द्वारा जानकारी देने के लिए भी अवसर प्रदान किया| बीमारियों, कीटों और अन्य समस्याओं को समझने में समस्या होने पर मोबाइल द्वारा फोटो खींचकर व्हाट्सएप का उपयोग करके वैज्ञानिकों से सही सलाह ली जा सकती है| संस्थान का रायबरेली रोड कैंपस गृह वाटिका में रुचि रखने वाले लोगों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली सब्जियों  के पौधे,  फलों  की कलम  एवं ऑर्गेनिक बायोएन्हेंसर उपलब्ध कराने में सहायक होगा | परिसर के शहर में स्थित होने के कारण महिलाओं को शहर में ही जानकारी एवं  अन्य सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी|


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