खेत का दुश्मन नमक


रोजाना दो हजार हक्टेयर कृषि भूमि नमक से ववार्द हो रही है। यह तथ्य संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी एक रिपोर्ट में सामने आया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नमक की वजह से भारत में गन्ने की खेती को खासा नुक्सान हो रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कम वर्षा और सिंचाई की सुविधाएं  न होने से ही ऐसे हालात पैदा हुए हैं।संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 20 वर्षों  में 6.2 करोड़ हेक्टेयर से अधिक उपजाऊ जमीन नमक की वजह से नश्ट हो चुकी है और जितनी जमीन नमक के कारण नष्ट  हुइ्र है वह फ्रांस जैसे विकसित देश  के क्षेत्रफल के बराबर है।संयुक्त राष्ट्र के लोगों का कहना है कि भूमि का उपजाऊपन को बनाये रखने के लिए गहरी जुताई और पेड़-पौधे लगाना चाहिए।संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार इस समस्या से भारत समेत दुनिया के 75 देश प्रभावित हैं। में इससे गन्ना धान और कपास की खेती को खतरा है। इस समस्या से मध्य एशिया के कइ्र देश प्रभावित है। रिपोर्ट के अनसार अमरीका के कोलरीडो बेसिन में नमक से 75 करोड़ रुपये का नुक्सान हो सकता हैं। संयुक्त राष्ट्र  द्वारा जारी एक रिपोर्ट में गया हे कि अगले 36 वर्षों में भोजन की जरूरत 70 प्रतिशत बढ़ जाएगी, वर्श 2050 तक दुनिया आवादी नौ अरब हो जाने की संभावना है।इन्ही खतरों को भांपते हुए  कनाडा समेत कई देशों में खारी मिट्टी और खारे जल से खेती और सिंचाई की संभावनाएं तलाशी जारही हैं।


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