मसूर की फसल सुरक्षा एवं  प्रबंधन


रोग प्रबंधनः-
मसूर के प्रमुख रोग उकठा, ब्लाइट, बिल्ट एवं ग्रे मोल्ड है। इससे बचाने के लिए फसलों में मेंकोजेब 2 ग्राम लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए।
कीट प्रबंधन - 
 मसूर के पौधे के उगने के बाद फसल को हमेशा निगरानी रखनी चाहिए जिससे कीड़े का आक्रमण होने पर उचित प्रबंध तकनीक अपनाकर फसल को नुकसान से बचाया जा सके। कजरा पिल्लू, कटवर्म, सूड़ी तथा एफिड कीड़ों को प्रकोप मसूर के पौधे पर ज्यादा होता है।
कीट नियंत्रण-
5 लीटर देशी गाय का मठा लेकर उसमे 15 चने के बराबर हींग पीसकर घोल दें , इस घोल को बीजों पर डालकर भिगो दें तथा 2 घंटे तक रखा रहने दें उसके बाद बोवाई करें . यह 1 एकड़ घोल की बोवनी के बीजों के लिए पर्याप्त है .
5 देशी गाय के गौमूत्र में बीज भिगोकर उनकी बोवाई करें , ओगरा और दीमक से पौधा सुरक्षित रहेगा लीटर . इन कीटो को आर्थिक क्षतिस्तर से नीचे रखने के लिए बुवाई के 25-30 दिन बाद एजैडिरैक्टीन (नीम तेल) 0.03 प्रतिशत 2.5-3.0 मि0ली0 प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करना चाहिए।


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