मृदा स्वास्थ्य कार्ड  के उपयोग  फसलोत्पादन में  वृद्ध

 

 


 

किसानों को अच्छी फसल की पैदावार के लिए यह जरूरी होता है कि उनके खेत की मिट्टी कैसी है। अगर मिट्टी की गुणवत्ता अच्छी नहीं है तो उनकी फसल की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं होगी। अच्छी मिट्टी व अच्छी फसल होने से ही किसान फसल उपज बढ़ाते हुए अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। भारत सरकार के मा0 प्रधानमंत्री जी ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू किया। भारत सरकार की इस योजना को उ0प्र0 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने किसानों के हित में इसे पूरे प्रदेश में लागू किया है। इस योजना से किसानों को बहुत ज्यादा फायदा हो रहा है क्योंकि बहुत से किसान अनपढ़ होने व मिट्टी की उर्वरा शक्ति को नहीं जानते थे। जब उन्होंने अपने खेत की मिट्टी की गुणवत्ता की जांच/परीक्षण कराया तब उन्हें सही जानकारी मिली और अब वे खेती में जमीन की उर्वरा शक्ति, गुणवत्ता के आधार पर फसल बोते हैं और उनकी फसल उत्पादन में बढ़ोत्तरी भी हो रही है।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजनान्तर्गत प्रदेश का कोई भी किसान अपनी मिट्टी की जांच निःशुल्क करा सकते हैं। प्रत्येक जनपद में जिले व ब्लाक स्तर पर कृषि विभाग के मृदा परीक्षण अधिकारी, वैज्ञानिक होते हैं। खण्ड विकास स्तर पर कृषि विभाग के अधिकारी गांव में जाकर खेत के चारो कोनों एवं बीच की मिट्टी एक बैग में भरते हैं। उसके बाद उसे परीक्षण के लिए लेबोरेटरी में भेजा जाता है जहां कृषि वैज्ञानिक, विशेषज्ञ मिट्टी की जांच करते हुए रिपोर्ट तैयार करते हैं। रिपोर्ट में मिट्टी का प्रकार, उसमें मौजूद पोषक तत्व, किन पोषक तत्वों की कमी है, अच्छी और ज्यादा फसल उत्पादन के लिए कौन सी फसल बोये एवं कौन-कौन सी खाद डालें। फसल के लिए क्या तापमान हो, बारिश की स्थिति में क्या करें, समस्त किये जाने वाले उपाय और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए किये जाने वाली विधियां आदि की जानकारी मृदा स्वास्थ्य कार्ड में किसानों को दी जाती है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड को विभाग द्वारा आॅनलाइन भी किया जाता है।

सरकार की मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना से प्रदेश के किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। प्रदेश में इस योजनान्तर्गत वर्तमान सरकार ने प्रथम चक्र में 170.15 लाख तथा द्वितीय चक्र में 195.31 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को वितरित किये गये हैं। चालू वित्तीय वर्ष में प्रदेश सरकार ने प्रत्येक जनपद के प्रत्येक विकास खण्ड के चयनित माॅडल ग्राम में जोत के आधार पर मृदा नमूना एकत्र कर परीक्षणोपरान्त मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराये जाने का कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। प्रदेश में 821 माॅडल ग्रामों में 2.50 लाख मृदा नमूनों को एकत्र कर परीक्षण करते हुए मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण की कार्यवाही की जा रही है।

प्रदेश सरकार की मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना से किसानों को काफी फायदा हो रहा है। इस योजना से किसानों को अपने खेत की मिट्टी के स्वास्थ्य के विषय में पूरी जानकारी हो रही है और वे अपनी जानकारी/सुझाव के अनुसार मनचाही फसल बोकर उत्पादन कर रहे हैं। किसानों को दिया गया मृदा स्वास्थ्य कार्ड 03 वर्ष के लिए होता है। किसानों के हित में संचालित इस योजना का लाभ उठाते हुए किसान स्वयं की आर्थिक स्थिति मजबूत कर रहे हैं और प्रदेश व देश की उन्नति में सहायक हो रहे हैं।

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