उर्द की दाल खाएं और सेहदमन्द रहे !


वैसे तो हम लोग ये अच्छी तरह से जानतें है कि भोजन में सभी प्रकार की दाल प्रयोग कितना जरुरी है , प्रकृति ने हमारे स्वाद कों देखते हुए उर्द ,मूंग , चना , मटर , मसूर ,अरहर, राजमा, बाकला आदि प्रकार की दाल दी है मतलब चाहे तो रोज अलग-अलग तरह की दाल अपने भोजन में षामिलकर सकते है लेकिन प्रायः हम सब्जियों का उपभोग अधिक करते है । दाल कई लेकिन  हम लोग ज्यादातर अरहर की दाल ही प्रयोग करते है वो भी बहुत कम जबकि हमें अपने भोजन में रोज दाल खाना अति महत्वपूर्ण है। आमतौर पर सभी जानते हैं कि दालों में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है, लेकिन इनके कई अन्य औषधीय गुण भी हैं।  उर्द की दाल तो गुणों की खान है ।



उर्द
छिल्कों वाली उड़द दाल में विटामिन, खनिज लवण तो खूब पाए जाते हैं और खास बात ये कि इसमे कोलेस्ट्रॉल नहीं होता। इसमें कैल्सियम, पोटेशियम, लौह तत्व, मैग्नेशियम, मैंगनीज जैसे तत्व आदि भी भरपूर पाए जाते हैं।
उर्द की दाल के औषधिय गुण
* पुरुषों में शक्ति और यौवन बनाए रखने के लिए उड़द एक बेहतर उपाय है। इसकी दाल का पानी के सेवन की सलाह दी जाती है और यह भी माना जाता है कि इसकी दाल पकाकर प्रतिदिन खानी चाहिए। पोटेशियम की अधिकता की वजह से आधुनिक विज्ञान भी इसे मर्दाना शक्ति बढ़ाने के लिए मानता है।
* छिलकों वाली उड़द दाल को एक सूती कपड़े में लपेट कर तवे पर गर्म किया जाए और जोड़ दर्द से परेशान व्यक्ति के दर्द वाले हिस्सों पर इससे सिंकाई की जाए तो दर्द में जल्द आराम मिलता है। काली उड़द को खाने के तेल के साथ गर्म करके उस तेल से दर्द वाले हिस्सों की मालिश की जाए तो आराम मिलता है। इसी तेल को लकवे से ग्रस्त व्यक्ति के लकवा ग्रस्त शारीरिक अंगों पर मालिश करने से फायदा होता है। 
*दुबले लोग यदि छिलके वाली उड़द दाल का सेवन करे तो यह वजन बढ़ाने में मदद करती है। इसकी दाल का नियमित सेवन और उबली दाल के पानी को सुबह पीना वजन बढ़ाने में सहायक होता है।
*डांग के आदिवासियों के अनुसार गंजेपन को दूर करने के लिए उड़द दाल एक अच्छा उपाय है। दाल को उबालकर पीस लिया जाए और इसका लेप रात सोने से एक घंटे पहले सिर पर कर लिया जाए और सोने से पहले सर धो लिया जाए। प्रतिदिन ऐसा करने से जल्द ही गंजापन धीरे-धीरे दूर होने लगता है और नए बालों के आने की शुरुआत हो जाती है।
* उड़द की बिना छिलके की दाल को रात को दूध में भिगो दिया जाए और सुबह इसे बारीक पीस लिया जाए। इसमें कुछ बूंद नींबू रस और शहद की डालकर चेहरे पर लेप करें और एक घंटे बाद धो लें। ऐसा लगातार करने से चेहरे के मुहांसे और दाग दूर हो जाते हैं और चेहरे पर चमक आती है।
* उड़द के आटे की लोई तैयार करके दागयुक्त त्वचा पर लगाया जाए और नहा लें तो ल्युकोडर्मा (सफेद दाग) जैसी समस्या में आराम मिलता है।
*जिन्हें अपच की शिकायत हो या बवासीर जैसी समस्याएं हो, उन्हें उड़द दाल का सेवन करना चाहिए, इसके सेवन से मल त्याग आसानी से होता है और अपचन की समस्या से छुट्टी मिलती है।
* फोड़े-फुंसी, घाव और पके हुए जख्मों पर उड़द के आटे की पट्टी बांधकर रखने से आराम मिलता है। दिन में 3-4 बार ऐसा करने से आराम मिलता है।
*काली उड़द की दाल (करीब 10 ग्राम), बारीक पिसी अदरक (चार ग्राम) को सरसों के तेल (50 मिली ग्राम) में पांच मिनट तक गर्म किया जाए और जब यह पूरा गर्म हो जाए तो इसमें पिसा हुआ कपूर (दो ग्राम) चूरा करके डाल दें। इस तेल को छानकर अलग कर लें। जब तेल गुनगुना या हल्का सा गर्म हो तो इसे दर्द वाले हिस्सों या जोड़ों की मालिश करने से दर्द में राहत मिलती है। यह तेल आर्थरायटिस जैसे दर्दकारक रोगों में भी गजब काम करता है।


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