यांत्रिक विधि से करें कीटों का समेकित प्रबंधन !
यांत्रिक विधि से करें कीटों का समेकित प्रबंधन
बार बार रासायनिक कीटनाशको के प्रयोग के उपरांत भी कपास, मूंगफली, धान, दलहनी फसल, तम्बाकू, सब्जियों एवं फल वाले पौधों में विभिन्न कीटों का सफलतापूर्वक नियंत्रण नहीं हो पा रहा है| आधुनिक कृषि उत्पादन पद्धति में किसी नाशीजीव का नियंत्रण करने के लिए कम से कम रासायनिक छिडकाव करने का सुझाव दिया जाता है तथा यांत्रिक नियंत्रण के साधनों जैसे फेरोमोन ट्रैप (गंधपांस), प्रकाश प्रपंच (लाइट ट्रैप), ब्लू स्टिकी ट्रैप, येल्लो स्टिकी ट्रैप एवं बर्ड पर्चर (चिड़ियों का बैठक) आदि का समेकित प्रयोग, आदि यदि फसल में उचित समय पर किया जाय तो फसल नुकसान को 40 से 50 प्रतिशत कम किया जा सकता है| इस पद्धति से रासायनिक कीटनाशकों पर निर्भरता से छुटकारा पाया जा सकता है एवं कीटनाशकों पर होने वाले अंधाधुन्द खर्चों से बचा जा सकता है. उपरोक्त तरीकों से जहाँ एक ओर फसलों के रासायनिक अवशेष की समस्या से बचा जा सकता है, तो साथ हिन् साथ मिटटी एवं पर्यावरण समस्या से भी बचा जा सकता है. इस तकनीक से कीट की स्थिति का आकलन किया जा सकता है एवं नर पतिंगो को पकड़ कर नष्ट कर सकते हैं |
मोनिटरिंग (कीट सूचक)-
फेरोमोने ट्रैप तथा सम्बंधित लुयोर की प्रति एकड़ 4-5 की संख्या में लगाया जाता है . इससे फसल में कीट आगमन तथा उनकी संख्या का पता लग जाता है और इसके आधार पर उचित नियंत्रण के उपाय भी किये जा सकते है.
इसके द्वारा खेतों में विभिन्न कीटों की सघनता का आकलन करके एवं उनको बड़े पैमाने पर पकड़कर नष्ट करने के लिए फेरोमोन तकनीक का विकास किया गया है| इनमे से कुछ कीड़े , जिनके फेरोमोन उपलब्ध है निम्नवत है :
हेलिकोवर्पा आर्मिजेरा, अमेरिकन बौल वर्म, चना का फली छेदक, पेक्टिनोफोरा गोस्सिपिएला (कपास का गुलाबी कीट), इरियास विटेला (कपास का गुलर वेधक)
फेरोमोने ट्रैप ल्योर तथा ट्रैप (गंध पांश) दो वस्तुओं से मिलकर बना होता है जिसमे लुयोर का उपयोग नर पतिंगो को आकर्षित करने के लिए किया जाता है | पांश यानि ट्रैप के अंतर्गत ऊपर का एक ढकन है जो लुयोर की वर्षा एवं सूर्य की किरणों से रक्षा करता है , व एक छला रहता है जिसमे कीट एकत्र करने की थैली फसाई जाती है यह थैली कीटों को फसाने और संग्रह करने के काम आती है |
1.फेरोमोन ट्रैप
फेरोमोने ट्रैप को प्लास्टिक के एक डिब्बे में ल्योर लगाकर टांग देते है|ल्योर में फेरोमोने द्रव्य की गंध होती है,जो आस-पास मौजूद नर कीड़ो को डिब्बे की ओर आकर्षित करती है,ये डिब्बे फंदे की तरह बने होते है जिसमे कीट अन्दर जाने के बाद बाहर नहीं आ पाते है. इससे सबसे बड़ा फायदा कीटों का आकलन एवं पहचान करने में होता है, क्योकि इसमें सारे कीट एक जगह इकठा हो जाते है.जिससे यह पता चल जाता कि खेत में कौन –कौन से कीट लगे है इनकी प्रति एकड़ मात्र कितनी है .एक बार पूरी जानकारी मिलने पर सही उपाय किये जा सकते है. फेरोमोने ट्रैप को प्रति एकड़ 4-5 तक की संख्या में लगाया जाना चाहिए.
क्या है फेरोमोन (गंध) ?
यह एक प्रकार की विशेष गंध होती है,जो मादा पतिंगा (मौथ) छोडती है , जो नर पतिंगा (मौथ) को आकर्षित करता है विभिन्न कीटो द्वारा विभिन्न प्रकार के फेरोमोने छोड़े जाते है.
मास ट्रैपिंग
सेक्स फेरोमोने ट्रैप का उपयोग कीट का अधिक से अधिक समूह में पकड़ने के लिए भी किया जाता है , जिससे नर कीट ट्रैप हो जाये और मादा कीट अंडा देने से वंचित रह जाये.
कैसे उपयोग करे?
खेतो में इस ट्रैप को सहारा देने के लिए एक डंडा गाड़ना होता हैं | इस डंडे के सहारे छल्ले को बांधकर इसे लटका दिया जाता हैं | ऊपर के ढक्कन में बने स्थान पर लुयोर को फंसा दिया जाता हैं तथा बाद में छल्लो में बने पैरों पर इसे कस दिया जाता हैं | कीट एकत्र करने की थैली को छल्ले में बिधिवत लगा कर इसके निचले सिरे को डंडे के सहारे एक छोर पर बांध दिया जाता हैं, इस ट्रैप की ऊचाई इस प्रकार से रखनी चाहिए की ट्रैप का उपरी भाग फसल की ऊचाई से १ से २ फुट ऊपर रहे |
धान के फसल में ट्रैप का प्रयोग करते किसान
बैगन की फसल में लगा फेरोमोने ट्रैप
ट्रैप का निर्धारण व सघनता :-
प्रत्येक कीट के नर पतिंगो को बड़े पैमाने पर एकत्र करने के लिए सामान्यतः दो से चार ट्रैप प्रति एकड़ के प्रयाप्त है. एक ट्रैप से दुसरे ट्रैप की दूरी 30-40 मीटर रखनी चाहिए. कीट की सघनता का अनुस्रवन करने के लिए एक ट्रैप प्रति 5 एकड़ रखना चाहिए.
इस ट्रैप को खेत में लगा देने के उपरांत इनमे फसे पतिंगो की नियमित जाँच की जानी चाहिए और पाये गए पतिंगे का आकड़ा रखना चाहिए जिससे उनकी गतिविधियो पर ध्यान रखा जा सके. बड़े पैमाने पर कीड़ो को पकड़कर मरने के उदेश्य से जब इसका उपयोग किया जाय तो थैली एकत्र कीड़ो को नियमित रूप से नष्ट कर थैली को बराबर खली करते है जिससे उसमे नए कीड़ो को प्रवेश पाने का स्थान बना रहे.
इस नई तकनीक का लाभ यह है कि किसान अपने खेतो पर कीड़ो की संख्या का आकलन कर उनके कीटनाशको के उपयोग की रणनीति निर्धारित कर अनावश्यक रासायनिक उपचार से बच जाये.
फेरोमोन ट्रैप एवं लुयोर का लाभ :
१.इसके उपयोग से कृषि रक्षा उपचार हेतु रसायनों के अनावश्यक छिडकाव एवं उसपर होनेवाले खर्चे से कृषक बच सकते है.
२.फेरोमोन एवं लुयोर विषैले नहीं है अत: इनसे वातावरण को कोई खतरा नहीं है
३.फेरोमोन ट्रैप से कीड़ो की गुड़न/ विस्तार को रोका जा सकता है एवं इनसे होनेवाली क्षति को रोकने में मदद मिलती है एवं उत्पादन स्वत: १०-२० % बढ़ जाता है.
४.फेरोमोन द्वारा कीड़ो का आकलन करके हर कोई आवश्यकतानुसार रासायनिक उपचार से बच सकता है.
५.इस पर आने वाला खर्च बहुत कम है जो सामान्यतः रासायनिक उपचार से भी कम है
फसल व कीटों के साथ प्रयोग किये जाने वाले ल्योर के प्रकार
क्रम. सं. | कीट | ल्योर का नाम | फसल |
1. | अमेरिकन सुंडी /लट | हेली लयोर | दलहनी फसलो के लिए |
2. | तम्बाकू सुंडी /लट | स्पोड़ो लयोर | तम्बाकू |
3. | गुलाबी सुंडी/लट | पेक्टिनो लयोर | कपास |
4. | धब्बेदार सुंडी | इर्विट लयोर | भिन्डी, तरोई, कद्दू बर्गीय |
5. | डायमंड बेक मोथ | डी.बी.एम्. लयोर | गोभी कूल के फसल के लिए |
6. | बैंगन तना एवं फली छेदक | लयूसिन लयोर | बैगन एवं मिर्च के लिए |
7. | मेलन फ्लाई | बाकू लयोर | ककुरबिती |
8. | फ्रूट फ्लाई (फल मक्खी) | बेडोर लयोर | आम,अमरुद,लीची, नारंगी कूल के फसल के लिए |
9. | अर्ली शूट बोरर | इ.एस.बी. लयोर | धान, गन्ना ,के लिए |
10. | गन्ना तना छेदक | चाइलो लयोर | गन्ना के लिए |
11. | गन्ना इंटर नोड बोरर | चाइलो लयोर | गन्ना के लिए |
11. | गन्ना टाप बोरर | स्किरपो लयोर | गन्ना के लिए |
12. | रेड पाम वीविल | आर.पी.डब्लू. लयोर | नारियल कूल की फसल के लिए |
13. | रीनोसिरस बीटल | आर.बी. लयोर.... | नारियल कूल की फसल के लिए |
14. | कॉफ़ी वाइट स्टेम बोरर | सी.डब्लू.एस.बी. लयोर | कॉफ़ी के लिए |
15. | कोको पोड बोरर | सी.पी.बी. लयोर | कोको कूल के फसल के लिए |
आवश्यक सावधानियाँ
-फेरोमोन (लुयोर) को एक माह में एक बार अवश्य बदल देना चाहिए
-लुयोर ठन्डे एवं सूखे स्थान पर भंडारित करे
-उपयोग किये गए लुयोर को नष्ट कर दे
-इस बात को सुनिक्षित करते रहे कि कीट एकत्र करने की थैली का मुह बराबर खुला रहे और खली स्थान बना रहे जिसमे अधिकाधिक कीड़े एकत्र कर नष्ट किया जा सके
2.येल्लो स्टिकी ट्रैप
वाइट फ्लाई (सफ़ेद मक्खी), एवं एफिड (महू) के लिए -इसको बनाने के लिए टीन की चौकोर प्लेट के ऊपर पीली रंग से पुताई करने के बाद सफ़ेद चिपचिपी पदार्थ लगाकर खेतो में सरसों, सब्जियों,मिर्च एवं दलहनी फसल से एक फूट ऊपर लगाने से सफ़ेद मक्खी एवं महू का 50 % नियंतरण हो जाता है
3.ब्लू स्टिकी ट्रैप
इसको बनाने के लिए टीन की चौकोर प्लेट के ऊपर नीला रंग से पुताई करने के बाद सफ़ेद चिपचिपी पदार्थ लगाकर खेतो में कद्दू बर्गीय एवं मिर्च, बैगन,पालक आदि फसल से एक फूट ऊपर लगाने से थ्रिप्स कीट का 50 % नियंतरण हो जाता है
4.प्रकास प्रपंच (लाइट ट्रैप.)
रात के वक्त खेतो में बल्ब जलाकर , उसके निचे प्लास्टिक के बर्तन में पानी एवं थोडा केरोसिन तेल डालकर रखने से रात्रिचर कीड़े बहुतायत मात्रा में फसकर मर जाते है एवं फसल की कीतो से 50-60 % सुरक्षा हो जाती है
5.बर्ड पर्चर (चिडियों के बैठने के लिए स्थान बनाना)—
खेतो में बांस की फटी का चिडियों के बैठने के लिए स्थान बनाना ताकि उसपर चिडिया बैठकर अपना शिकार को देखकर आसानी से भक्षण कर सके |