ब्रोकली बनी लखनऊवासियों की पसन्दीदा सब्जी


पिछले कुछ वर्षों के दौरान, कई नई सब्जियां लखनऊ के बाजार में प्रवेश की हैं, लेकिन ब्रोकोली को इसके स्वाद और पोषक तत्वों के मूल्यों के कारण ज्यादातर लखनऊवासियों द्वारा पसंद किया गया है। संभवतः इस सब्जी से जुड़े पोषण ने गृहणियों को सबसे अधिक आकर्षित किया है। बढ़ती मांग और जागरूकता के साथ उत्पादन के इच्छुक किसानों की संख्या बढ़ रही है। हालांकि कुछ साल पहले इसे रोगग्रस्त फूलगोभी समझ कर अनदेखा करने वाले भी कम नहीं थे लेकिन अब परिदृश्य बदल गया है।


सर्दियां में, गोभी और फूलगोभी जैसी सब्जियां औने-पौने दामों पर बेच दी जाती हैं, इस प्रकार प्रगतिशील किसान नई सब्जी फसलों की तलाश में रहते हैं, जो आय में वृद्धि सुनिश्चित कर सकें। CISH द्वारा प्रदान की जाने वाली जानकारी ने कई किसानों को इन सब्जियों की खेती में सफल बनाया है। सब्जियों के बीज प्राप्त करना मुश्किल था, लेकिन अब किसान द्वारा की मांग ने बीज आपूर्तिकर्ताओं को इस फसल के बीज की व्यवस्था करने के लिए उत्साहित किया है।


कुछ साल पहले, स्थानीय किसानों और ज्यादातर युवाओं द्वारा विदेशी सब्जी की खेती के लिए बढ़ती उत्सुकता के कारण, ICAR-CISH के डॉ श्याम राज सिंह, प्रधान वैज्ञानिक ने किसानों के खेत में इन सब्जियों का प्रदर्शन करके उन्हें उत्साहित किया| इसका उद्देश्य उन्हें इनकी खेती की तकनीक का ज्ञान प्रदान करना था ताकि वे सीमित प्रयासों और लागत के साथ कम जमीं में उच्च मूल्य की सब्जी फसलों का उत्पादन कर सकें। कुछ किसानों ने प्रौद्योगिकी को अपनाया और लखनऊ के बाजार में इन विदेशी  सब्जियों का बीज प्राप्त करना मुश्किल था। विदेशी सब्जियों के बीज की मांग बढ़ने के कारण दुकानों पर इनकी उपलब्धता भी बढ़ गई है| सीआईसी एचडी वैज्ञानिक डॉ एस आर सिंह को श्रीनगर में इन विदेशी सब्जियों पर अनुसंधान का अच्छा अनुभव है| पर्वतीय क्षेत्रों में यह सब्जियां आमतौर पर उगाई जाती हैं परंतु मैदानी भागों में इनकी मांग धीरे-धीरे बढ़ रही है  तदनुसार इनकी खेती के प्रति किसानों का भी रुझान बढ़ा है| किसानों को इन सब्जियों से बेहतर लाभ मिलने के कारण बाजार में कम से कम अब तो परेशानी महसूस नहीं हो रही है| पहले इसी रामकिशोर बताते हैं कि जब वे ब्रोकली को मंडी में ले गए तो लोगों ने उसे बीमार हरी गोभी कहकर संबोधित किया| आज परिवेश बदल चुका है और  लखनऊ मंडी में इसकी अच्छी मांग है|


शुरू शुरू में इन सब्जियों  के सीमित उपभोक्ता होने के कारण किसानों को परेशानी अवश्य हुई परंतु इन विदेशी सब्जियों में पौष्टिकता और कुछ औषधीय गुणों के कारण ग्रहण उन्हें विशेष रुचि दिखाई| बढ़ते जीवन स्तर,  खानपान की आदतें और उपभोक्ताओं की स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के कारण ब्रोकली की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है


उत्कृष्ट स्वाद के अलावा, इन सब्जियों को कई विटामिन खनिजों और बायोएक्टिव यौगिकों के एक समृद्ध संसाधन के रूप में माना जाता है। ब्रोकोली की बढ़ती लोकप्रियता इसलिए है क्योंकि यह विटामिन के, विटामिन सी फोलिक एसिड, पोटेशियम और फाइबर की उच्च सामग्री है। गृहिणियों को भोजन में शामिल किए जाने के पोषक लाभ के बारे में पता है।


यह सब्जियां एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर और  विविधता पूर्ण है| सुस्वाद कुरकुरे स्वाद के अलावा, कैंसर से संबंधित जोखिम कम होने के संभावित लाभ फाइटोन्यूट्रिएंट्स, ग्लूकोसाइनोलेट्स (सल्फर युक्त यौगिकों) की इसकी प्रभावशाली रेंज के कारण है। इन सब्जियों में सल्फर युक्त यौगिक की अच्छी मात्रा होती है और शोधकर्ता बायोएक्टिव यौगिकों के कैंसर विरोधी गुणों की रिपोर्ट कर रहे हैं।


अतीत में,  अधिक मूल्य के कारण विदेशी सब्जियां आम आदमी की पहुंच से बाहर थी|  धीरे-धीरे इनकी मांग बढ़ी और मार्केट में अच्छा दाम मिलने के कारण किसान उत्साहित है|  उपभोक्ताओं की बढ़ती रुचि के कारण यह गली में भी सब्जी के खेलों में पर उपलब्ध हो होने लगी है| यह सब्जियां विदेशी हैं इसलिए इनका स्वाद भी देसी सब्जियों से कुछ अलग है लेकिन कुछ को केवल  विशेष स्वाद के कारण ही अपनाया जा रहा है| चाइनीस और मैक्सिकन व्यंजनों में बहुतायत से प्रयोग होने वाली इन सब्जियों को भारतीय महिलाओं ने देसी रेसिपी  से बनाना सीख लिया है| ब्रोकली के चाइनीज, मैक्सिकन  और इटालियन व्यंजनों के संस्करण घरों में उपलब्ध है| आम सब्जी दुकानदारों का कहना है कि इन सब्जियों को नियमित पारिवारिक भोजन में शामिल करने के लिए महिलाओं की दिलचस्पी बढ़ी है|


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