कृषि विकास दर में भारी गिरावट चिंता का विषय

किसान भाइयों!नमस्कार।


 
किसान भाइयों आपसे शिकायत तो नहीं कर सकते मगर दुःख की बात यह है कि देश में कृषि की विकास दर 4.9 प्रतिशत से गिर कर 2.1 प्रतिशत पर आने के संकेत मिल रहे है इसका मतलब यह हुआ कि देश के विकास दर में कृषि की हिस्सेदारी घटी है जो कि चिंता का विषय है वैसे तो देष की ही विकास दर 7.5 प्रतिशत से घट कर 6.5 प्रतिशत पर आने की चेतावनी मिली है मगर उसकी तुलना में कृषि की विकास दर गिर ही नही रही बल्कि ढह सा रही है जो कि निश्चय ही चिंता का विषय है। देश के विकास दर में गिरावट के लिए जिम्मेदार भी कृषि एवं निर्माण क्षेत्र को ठहराया जा रहा है मगर इसकी जवाबदेही निष्चय ही सरकार की है। कृषि के विकास दर में भयावह गिरावट के साथ-साथ कृषि उत्पादन में आयी गिरावट निश्चय ही किसानों एवं कृषि महकमे को कटघरे में खड़ा करता है साथ ही यह तस्बीर कृषि क्षेत्र और किसानों की बदहाली का अक्स तैयार करती है। बात यदि उत्तर प्रदेश के संदर्भ में करें  तो उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार नें कृषकों की आमदनी दोगुना करने और उनका ऋणभार कम करने की दिषा में कुछ ठोस कार्य किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार नें जहां ऋणमोचन की योजना पर लगभग 40,000 करोड रुपये खर्च कर किसानों का कर्ज माफ किया है वहीं प्रदेष में मृदा स्वास्थ्य की जाँच कर शत-प्रतिशत किसानों को मृदा स्वाथ्य कार्ड प्रदान करने की मुहिम निष्चय ही सराहनीय है। किसानों की आय को दो गुना करने के उद्येश्य से कृषक समृद्वि आयोग का गठन भी किसानों के प्रति सरकार की गंभीरता का संकेत देता है। उत्तर प्रदेश में गन्ने की खेती ही मुख्य नगदी फसल है मगर गन्ना किसान विगत कई वर्षों से भुगतान की स्थिति को लेकर संकट में रहा है मगर संतोष की बात है कि प्रदेश में नई सरकार के गंभीर प्रयासों का परिणाम अब सामने आने लगा है प्रदेश में इस वर्ष गन्ना  भुगतान की स्थिति बहुत अच्छी चल रही है। सरकार ने बन्द पड़ी कई चीनी मिलों का पुनर्संचालन कराया है तथा कई चीनी मिलों की पेराई क्षमता में वृद्वि हुई है। इस वर्ष चीनी मिलों का पेराई सत्र भी समय से शुरू हो जानें के कारण किसानों को राहत मिली है किसान पेड़ी गन्ना का खेत खाली कर उसमें गेहूँ अथवा सब्जियों की फसल लगाने में कायाब रहे हैं। हां मौसम की प्रतिकूलता जरूर रही है इस वर्ष जहां गत वर्ष की तुलना में वर्ष कम हुई है वहीं गेहूँ की बुआई के मुख्य समय नवम्बर माह एवं दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में तापमान में आई सामान्य से अधिक गिराजट का गेहूँ के जमाव पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। 
किसान भाइयों वर्ष 2017 के सफल समापन पर आपको कोटिशः बधाई एवं अंग्रेजी नव वर्ष 2018 आप, आपके परिवार,आपके पशुधन और खेती किसानी के लिए मंगलमय हो। लगातार दो वर्ष तक प्राकृतिक आपदाओं का सामना के बाद वर्श 2016-17 खेती किसानी के अनुकूल रहा भरपूर कृषि उपज हुई मगर आपकोे उसका लाभ नहीं मिला नियम कानून में बदलाव के कारण जो समस्यायें आईं उससे सर्वाधिक दिक्कतें आपको ही आई मगर आप हिम्मत नहीं हारे और कड़ी मेहनत करके खुद कष्ट झेल कर देशवासियों का उदरपोषण आप करते रहे आपकी देश भक्ति समाज भक्ति के इस जज्बे को मैं प्रणाम करता हूँ। कृषि कार्य ही आपका धर्म कर्म और पूजा भी है जिसे आप पूरी ईमानदारी से कर रहे है। विगत माह   उत्कृष्ट कार्य कर सर्वाधिक उत्पादन प्राप्त करने वाले हमारे प्रदेश  के 6538 किसान भाई  स्वर्गीय चैधरी चरण के जन्म दिन किसान दिवस के अवसर पर सम्मानित भी किये गये उन्हें गाँव किसान परिवार की ओर से हार्दिक बधाई। यह आपकी मेहनत का प्रमाणपत्र भी होता है सोचने वाली बात यह भी है कि उसी मिट्टी ,उसी जलवायु में खेती करके आपके पडोस का किसान सम्मानित हो सकता है तो भला आप क्यों नहीं सम्मनित हो सकते ? आप भी अपना किसान पंजीकरण अवश्य करायें,नवीनतम तकनीक अपनाइए, वैज्ञानिक विधि से खेती करिये,,कृषि कार्यों में समय का ध्यान रखिये मृदा परीक्षण बीज बदलाव उर्वरकों का संतुलित प्रयोग रासायनिक खेती से दूरी और विपणन के समुचित अवसरों का लाभ उठाना सीखें बदलते हुए समय के साथ चलना सीखें, खुशहाली जरूर से जरूर आयेगी। अभी विगत माह में द मिलेनियन फार्मर स्कूल्स का आयाजन प्रदेश भर में किया गया था आशा है कि आप ने भी इस अवसर का लाभ उठाया  होगा। तकनीकी प्रशिक्षण एवं योजनाओं के बारे मेे इन पाठशालाओं में दह गई जानकारी आशा है आपके लिए लाभकारी साबित होगी। संतोष की बात है कि इस वर्ष  कहीं भी कृषि निवेशो  की किल्लत नहीं रही, कम उत्पादन के बावजूद यूरिया  खाद आदि किल्लत आपको नहीं होने पाई इसके लिए आप प्रदेया सरकार को धन्यवाद दे सकते है। इसके बावजूद आपकी तमाम समस्यायें होंगी खासतौर से कृषि उपजों के विपणन और मूल्यों के बारे में। एक बात और जब तक सभी किसान भाई संगठित नहीं होंगे तब तक ये नेताशाही अफसरशाही और व्यापारी वर्ग आपके हक पर डाका डालता रहेगा अतः अब वह वक्त आ गया है कि आप एक एक दो नहीे बल्कि एक एक ग्यारह बनिये तभी आपकी आवाज सुनी जाएगी। अगर आप संगठित हो जायें किसी के भी बहकावे में न आयें नेताशाही, अफसरशाही और व्यापारी वर्ग आपके सामने नत मस्तक होने को मजबूर हो जांएगे आपके पास देश  की 70 प्रतिशत ताकत है आपमें सरकार और समाज दोनों को बदलने की कूबत है मत भूलिए कि आप मतदाता होने के साथ-साथ अन्नदाता भी है किसमें कूबत है आप से पंगा लेने की? लेकिन इस मंत्र को याद रखना होगा कि ''संघे शक्तिः कलौयुगे'' यदि आप संगठित होते तो देष में नव वर्ष फसली वर्ष के रूप में मनाया जाता , कृषि प्रधान देश  में अंग्रेजी नव वर्ष अथवा विक्रम सम्वतसर के रूप में नव वर्ष मनाने का क्या औचित्य है? फिर भी पारम्परिक नव वर्ष आपके लिए मंगलकारी समृद्धिदायी शुभ एवं सुखदायी हो इन्हीं कामनाओं के साथ अपनी लेखनी को विराम देता हूँ। ग्राम देवता नमस्कार।   


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