सबसे अधिक पौष्टिक गेहूं एचडी 3226 (पूसा यशस्वी)

बीज उत्पादक कम्पनियों को बीज उत्पादक के लिए लाइसेंस जारी

देश में विकसित अब तक के सबसे अधिक पौष्टिक गेहूं एचडी 3226 (पूसा यशस्वी) का बीज तैयार करने के लिए बीज उत्पादक कम्पनियों को शुक्रवार को इसका लाइसेंस जारी कर दिया गया। गेहूं के इस बीज की बिक्री अगले साल से शुरू हो जाएगी।भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्रा ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रौद्योगिकी नवाचार दिवस के अवसर पर बीज उत्पादक कम्पनियों को लाइसेंस जारी किया।


इन कम्पनियों को रबी फसल के दौरान गेहूंकी इस नवीनतम किस्म का प्रजनक बीज उपलब्ध कराया जायेगा। किसानों को अगले वर्ष से सीमित मात्रा में इसका बीज उपलब्ध कराया जाएगा।एचडी 3226 किस्म को हाल में जारी किया गया है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें गेहूंकी अब तक उपलब्ध सभी किस्मों से ज्यादा प्रोटीन और ग्लूटीन है। इसमें 12.8 प्रतिशत प्रोटीन, 30.85 प्रतिशत ग्लूटीन और 36.8 प्रतिशत जिंक है। अब तक गेहूँ की जो किस्में हैं उनमें अधिकतम 12.3 प्रतिशत तक ही प्रोटीन है। इस गेहूँ से रोटी और ब्रेड तैयार किया जा सकेगा।

इस गेहूंके प्रजनक और प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राजबीर यादव ने बताया कि आठ साल के दौरान इस बीज का विकास किया गया है। आदर्श स्थिति में इसकी पैदावार प्रति हेक्टेयर 70 क्विंटल तक ली जा सकती है। यह गेहूँ रतुआ रोग और करनाल मल्ट रोधी है।उन्होंने कहा कि भारतीय गेहूंमें कम प्रोटीन के कारण इसका निर्यात नहीं होता था जो समस्या अब समाप्त हो जायेगी।

यादव ने बताया कि इस गेहूंकी भरपूर पैदावार लेने के लिए इसे अक्टूबर के अंत या नवम्बर के पहले सप्ताह में लगाना जरूरी है। इसकी फसल 142 दिन में तैयार हो जाती है। यह किस्म पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड के तराईक्षेत्र तथा जम्मू-कश्मीर एवं हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों के लिए उपयुक्त है। जीरो ट्रिलेज पद्धति के लिए भी यह गेहूंउपयुक्त है

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