70 हजार मी0टन यूरिया जिलाधिकारियों के पास  सुरक्षित


प्रदेश के कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि प्रदेश के सभी जनपदों में रासायनिक खाद यूरिया, डी0ए0पी0 तथा एन0पी0के0 पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। कहीं भी यूरिया खाद की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी के स्तर पर 70 हजार मी0टन यूरिया सुरक्षित रखी गयी है, जिसका वितरण जिलाधिकारी अपने स्तर पर आवश्यकतानुसार करेंगे। किसी भी जनपद में उर्वरक की कमी के कारण कोई कठिनाई नहीं होने दी जायेगी।

कृषि मंत्री आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में प्रदेश में उर्वरकों की उपलब्धता के सम्बन्ध में अधिकारियों एवं खाद निर्माता कम्पनियों के साथ बैठक में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है तथा इसी के मद्देनजर किसानों को खाद की उपलब्धता भी सुनिश्चित करा रही है। उन्होंने उर्वरक निर्माता कम्पनियों को निर्देशित करते हुये कहा कि वे प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र साधन सहकारी समितियों को उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करायें।

बैठक में बताया गया कि इस माह जनवरी हेतु निर्धारित लक्ष्य 20.69 लाख मी0टन के सापेक्ष 22.65 लाख मी0टन यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित की जा चुकी है। कुल उपलब्ध यूरिया के सापेक्ष रबी सीजन 2019-20 में अब तक 16.93 लाख मी0टन यूरिया का वितरण किया जा चुका है और 5.72 लाख मी0टन यूरिया अवशेष है। इसके अतिरिक्त 4.27 लाख मी0टन डी0ए0पी0 तथा 1.44 लाख मी0टन एन0पी0के0 खाद की उपलब्धता है। इस प्रकार प्रदेश में कहीं भी खाद की कोई कमी नहीं है।

कृषि मंत्री ने कहा कि यदि कोई उर्वरक डीलर खाद विक्रेताओं को यूरिया के साथ किसी प्रकार की टैगिंग करेगा तो सम्बन्धित डीलर के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी। अगर आवश्यकता पड़ी तो उसका लाइसेन्स भी निरस्त किया जा सकता है। श्री शाही ने कहा कि उर्वरक एवं खाद वितरण में पूर्ण पारदर्शिता रखी जाये, किसी भी प्रकार की अनियमितता पाये जाने पर सम्बन्धित के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।

बैठक मंे कृषि राज्य मंत्री, श्री लाखन सिंह राजपूत तथा संयुक्त निदेशक फर्टिलाइजर सहित कृभको, इफ्को, कानपुर फर्टिलाइजर, जी0एस0एफ0सी0, इण्डो गल्फ, आर0सी0एफ0लि0, कोरोमण्डल आदि कम्पनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ब्राह्मण वंशावली

मिर्च की फसल में पत्ती मरोड़ रोग व निदान

ब्रिटिश काल में भारत में किसानों की दशा