दस करोड़ रुपये से होगा माटी कला के शिल्पकारों का सर्वांगीण विकास


      उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में माटी कला के शिल्पकारों को विशेष सुविधाएं सुलभ कराने की व्यवस्था की है। कारीगरों को सुविधाजनक रूप से मिट्टे के उत्पादों को तैयार करने और उन्हें विपणन की सहूलियत देने के लिए आज माटी कला बोर्ड की पहली बैठक   श्री धर्मवीर प्रजापति की अध्यक्षता में स्थानीय खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के सभाकक्ष में  सम्पन्न हुई। माटी कला बोर्ड की कार्यवाही का संचालन करते हुए खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के प्रमुख सचिव एवं माटीकला बोर्ड के सचिव डा0 नवनीत सहगल ने बोर्ड में मिट्टी व्यवसाय से संबंधित विभिन्न प्रस्तावों को रखा, जिन पर विस्तार से चर्चा हुई। इन प्रस्तावों पर बोर्ड द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई।

     बैठक में विगत वित्तीय वर्ष 2018-19 में ‘उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड’ द्वारा अपनी ‘खादी-नीति’ योजनान्तर्गत, माटीकला के कारीगरों के लिये विद्युत चालित चाक,पगमिल, भट्ठियों के वितरण कराये जाने पर बल दिया गया।  उ0प्र0 माटीकला बोर्ड के पहचान स्वरूप उपयोग किये जाने के लिये तैयार कराये गये आकृति के चिह्न (LOGO) को उपयोग में लाने हेतु अनुमोदन प्रदान किया गया। इसी प्रकार माटीकला बोर्ड को एक संगठन के रूप में सोसायटी रजिट्रेशन एक्ट के अन्तर्गत पंजीकृत कराये जाने पर सहमति प्रदान प्रदान की गई तथा इसके स्वरूप को आगामी बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये।

      बैठक में प्रमुख सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग डा0 नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश भर में  जिला प्रशासन एवं उ0प्र0 खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के माध्यम से, माटीकला के क्षेत्र में कार्य कर रहे कारीगरों के चिह्नीकरण का कार्य कराया जा रहा है। विगत वित्तीय वर्ष 2018-2019 में 19567 कारीगरों के नाम, आधार नम्बर, मोबाइल नम्बर, आबंटित मिट्टी खुदाई के पट्टे इत्यादि के विषय में सूचनाएं प्राप्त की गयी एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-2020 में यह कार्य निरन्तर आगे बढ़ाया जा रहा है, जिससे माटीकला कारीगरों के विषय में अपेक्षित समग्र सूचनाएं संग्रहित कर, तदनुसार उनके विकास हेतु योजनाओं क्रियान्वित करायी जा सके। उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 हेतु माटीकला बोर्ड के लिये शासन द्वारा प्राविधानित कुल बजट रुपये  10.00 करोड का प्राविधान किया गया है। यह धनराशि  माटीकला बोर्ड के अधिष्ठान हेतु 50.00 लाख, माटीकला समन्वित विकास कार्यक्रम के लिए टूल-किट्स वितरण योजना के लिए 375.00 लाख तथा मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना हेतु 305.00 लाख, माटीकला कौशल विकास योजना के अन्तर्गत 30.00 लाख रूपये के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। माइक्रो माटीकला कामन फैसेलिटी सेंटर योजना के अन्तर्गत 180.00 लाख रूपये, माटीकला विपणन विकास सहायताएवं प्रचार-प्रसार योजना हेतु 40.00 लाख रुपये, माटीकला पुरस्कार योजना के लिए 20.00 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई।

     बैठक में माटीकला समन्वित विकास कार्यक्रम’ के तहत ‘टूल-किट्स वितरण योजना’   द्वारा परम्परागत उपकरणों से कार्य कर रहे माटीकला के 2062 कारीगरों को वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 में विद्युत चालित चाक का वितरण किये जाने हेतु शासन की सहमति प्राप्त हुई है। सभी कारीगरों को चाक दिये जाने के अतिरिक्त आधुनिक टूल-किट्स संचालन का 03 दिवसीय प्रशिक्षण दिये जाने पर भी सहमति प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त माटीकला समन्वित विकास कार्यक्रम के  अन्तर्गत मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना द्वारा, वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 में 252 माटीकला के नये उद्यमियों का बैंक के माध्यम से ऋण स्वीकृत कराते हुये, पॅूजीगत ऋण धनराशि के 25 प्रतिशत मार्जिन मनी धनराशि अनुदान स्वरूप दिये जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया।      

            ‘माटीकला कौशल विकास योजना’ द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 में ‘मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना’ हेतु चयनित 252 नये उद्यमियों को, उद्योग स्थापित करने हेतु, 07 दिवसीय व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जायेगा।  250 माटीकला के करीगरों को 15 दिवसीय माटीकला शिल्पकारी का प्रशिक्षण देने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया।  ‘माटीकला समन्वित विकास कार्यक्रम’ के तहत ‘माइक्रो माटीकला कामन फैसेलिटी सेंटर योजना’ द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20  में खादी बोर्ड के तहत पंजीकृत औद्योगिक सहकारी समितियों के माध्यम स,े प्रत्येक मण्डल में एक माइक्रो माटीकला काॅमन फैसेलिटी सेण्टर स्थापित कराया जायेगा।

‘माटीकला समन्वित विकास कार्यक्रम’ अन्तर्गत ‘माटीकला विपणन विकास सहायता एवं प्रचार-प्रसार योजना’ द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 में माटीकला के उत्पादों के विपणन हेतु उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड एवं खादी तथा ग्रामोद्योग आयोग के विपणन केन्द्रों, विभिन्न प्रदर्शनियों, मेलों एवं आॅनलाइन विपणन करने वाली कम्पनियों के माध्यम से विपणन का प्रबन्ध कराने तथा विभिन्न माध्यमों से माटीकला उत्पादों के उपयोग को प्रचारित-प्रसारित कराने का कार्य किया जायेगा। ‘माटीकला समन्वित विकास कार्यक्रम’ के लिए कारीगरों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ‘माटीकला पुरस्कार योजना’ शुरू की जायेगी। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 में माटीकला शिल्पकारी हेतु सभी मण्डलों में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार दिया जायेगा तथा माटीकला उद्यम हेतु राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किये जाने का प्राविधान किया गया है।

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