परियोजनाओं के शुरू होने से होगें 12000 रोजगार के अवसर सृजित 

 

     प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री  ने कहा विगत तीन महीने में  प्राधिकरण द्वारा 135 एकड़ भूमि में 165 विकसित भूखण्ड उद्यमियों को आवंटित किये गये। इन परियोजनाओं से लगभग 4000 करोड़ रुपये का औद्योगिक निवेश तथा लगभग 12000 रोजगार के अवसर सृजित होगें।

   श्री महाना आज यहां पिकप भवन में उ0प्र0 राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण के कार्यकलापों, परियोजनाओं की प्रगति एवं औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के विगत त्रैमास में किये गये प्रयासों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि त्रैमास में आरम्भ की गयी परियोजनाओं में पेप्सिकों लि0 द्वारा कोसी मथुरा में लगभग 832 करोड़ की लागत से आलू चिप्स, आई0टी0सी0लि0 द्वारा सण्डीला में लगभग 870 करोड़ लागत से खाद्य प्रसंस्करण तथा हिन्दुस्तान यूनीलीवर द्वारा सुमेरपुर जनपद-हमीरपुर में 162 करोड़ की लागत से एफ.एम.सी.जी. प्रमुख हैं।

     औद्योगिक विकास मंत्री ने प्रदेश में आयोजित उत्तर प्रदेश  इन्वेस्टर्स समिट, 2018 में विभिन्न जनपदों में उद्यमियों द्वारा निष्पादित 91 अनुबन्धों में प्राधिकरण के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में  5062 करोड़ के पूॅंजी निवेश की परियोजनओं हेतु उद्यमियों को भूखण्ड आवंटित किये गये हैं। इन परियोजनाओं में लगभग 11000 रोजगार के नये अवसर सृजित होगें। इसके अतिरिक्त 30 अनुबन्धोें में परियोजनाओं हेतु प्राधिकरण के नये विकसित होने वाले औद्योगिक विकास क्षेत्रों में उद्यमियों को भूखण्ड उपलब्ध कराये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इन परियोजनाओं में लगभग 2000 करोड़ का पूॅजीनिवेश प्रस्तावित है। उन्होंने सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिए कि उद्यमियों की समस्याओं का समय से निस्तारण सुनिश्चित किया जाय।  

 आलोच्य अवधि में प्राधिकरण की प्रमुख परियोजनाएं ट्रांस गंगा सिटी, उन्नाव में विकास कार्य आरम्भ कराये गये, जिससे उद्यमियों में प्राधिकरण की परियोजनाओं पर विश्वास सुदृढ हुआ है। इसके दृष्टिगत प्राधिकरण द्वारा आगामी त्रैमास में सरस्वती हाईटेक सिटी, प्रयागराज, ट्रांसगंगा सिटी परियोजना, उन्नाव तथा बहेडी  औद्योगिक क्षेत्र बरेली में औद्योगिक भूखण्डों के भूखण्डों को उद्यमियों को आवंटन हेतु योजनाएं आरम्भ की जाएंगे । प्राधिकरण के समस्त औद्योगिक विकास क्षेत्रों में उद्यमियों द्वारा अपनी परियोजनाओं  हेतु समुचित स्थल के चयन हेतु सभी भूखण्डों को  जी.आई.एस में आन-लाइन प्रदर्शित किया जा रहा है, जिससे उद्यमियों को भूखण्ड की स्थलीय स्थिति तथा निकटवर्ती अवस्थापना सुविधाओं का विवरण आन-लाइन उपलब्ध होंगे।

      ईज आफ डुइगं विजनेस के तहत औद्योगिक क्षेत्रों में विकसित भूखण्डों के आवंटन एवं भवन मानचित्र स्वीकृति से सम्बन्धित सुविधाओं के अतिरिक्त उद्यमियों को भूखण्डों के पट्टा विलेख निष्पादन, परियोजना परिर्वतन, परियोजना विस्तार और ग्रिवान्सेस निस्तारण तथा बैंक मारटगेज वेब-पोर्टल से आन लाइन जारी किये जाने की सुबिधाएं उपलब्ध करा दी गयी है। उन्होंने इसे शीघ्र ही निवेश मित्र के पोर्टल से समन्वित कराने के निर्देश। साथ ही उन्होंने इन सेवाओं के निस्तारण के लिए समय सीमा र्निधारित भी निर्धारित करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने इनके अलावा 16 प्रकार की अन्य सेवाऐं आवंटियों को ऑन लाइन शीघ्र ही उपलब्ध करने के निर्देश दिए। इनमें प्रमुख रूप से भूखण्डों के हस्तान्तरण, संविलियन, उपविभाजन एवं परियोजनाओं की पूर्णता एवं अधिभोग प्रमाण पत्र, भूखण्डों की देय धनराशियों का डिमान्ड नोटिस एवं रिफन्ड की सेवाऐं शामिल हैं।

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