पौध प्रवर्धन में प्रयुक्त विभिन्न क्रियाएँ
बागवानी के लिए फलों को उगाने, बीजों के अंकुरण, कलम में मूल विभेदन, नये अंकुरित पौधों या जड़युक्त कलमों और गुटी द्वारा प्रवर्धित पौधों के कठोरीकरण के लिए नाना प्रकार की संरचनाओं का उपयोग समय-समय पर किया जाता है, जिसका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है, जैसे-
ग्रीन हाऊस
बागवानी पौधशाला हेतु आमतौर पर सुविधानुसार विभिन्न आकार के ग्रीन हाउस बनाये जाते हैं, यह ज्यादातर 5 मीटर चैड़ाई, 20 मीटर लम्बाई और 2.5 से 3 मीटर ऊँची घर के आकर की संरचना होती है, जिसको हरे रंग की जाली से ढका जाता है, बाजार में जाली आमतौर पर हरे, सफेद, काले रंगों में तथा 30 से लेकर 90 प्रतिशत प्रकाश अवरोधी उपलब्ध रहती हैं, परन्तु नर्सरी के लिए 50 प्रतिशत प्रकाश अवरोधी हरी जाली सबसे उपयुक्त रहती हैं।
निर्माण- इसका निर्माण जीआई पाइप, बांस या लकड़ी की सहायता से किया जाता सकता है, जो 5 से 20 वर्ष तक टिकाऊ होता है, सुविधानुसार पौधघर के अन्दर सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था आवश्यक है, या कर ली जाती हैद्य कभी-कभी इसके अन्दर नमी बढ़ाने हेतु मिस्ट सिंचाई की व्यवस्था भी कर दी जाती हैद्य ग्रीन हाउस का उपयोग कलम द्वारा प्रवर्धन, नये आयात किये गये पौधों की स्थापना और परिस्थिति अनुकूलन, वानस्पतिक विधि से प्रवर्धित पौधों के अनुकूलन और कठोरीकरण के लिए किया जाता है।
कांच घर या ग्लास हाउस
बागवानी पौधशाला हेतु कांचघर के अन्दर तापमान और शुद्ध हवा के नियन्त्रण और निष्कासन के लिए पंखा तथा खिड़कियों का प्रबंधन रहता हैद्य शुष्क वातावरण में पर्याप्त मात्रा में नमी बनाए रखने के लिए कोहरे का प्रबन्ध भी साथ में कर दिया जाता है, बड़े-बड़े कांच घरों में तापमान और नमी नियन्त्रण के लिए थर्मोस्टेट की व्यवस्था रहती हैद्य कांचघर का उपयोग बीजों के अंकुरण, कलम द्वारा प्रवर्धन और नये पौधों के अनुकूलन के लिए किया जाता है।
निर्माण- बागवानी पौधशाला (नर्सरी) हेतु कांचघर सुविधानुसार विभिन्न आकार के बनाए जाते है, जिनकी बनावट बाहरी दीवार 2 से 2.5 मीटर उंचाई तक एल्युमिनियम की चादर या खम्भों की सहायता से बनायी जाती हैं, इन्हीं खम्भों के साथ तारयुक्त काँच के उचित आकार के टुकड़ों द्वारा पूरा कांचघर बना दिया जाता है।
पॉलीहाउस (प्लास्टिक घर)
बागवानी पौधशाला हेतु पॉलीहाउस विभिन्न आकार की संरचना के बनाए जाते है, जिसको 200 से 400 माइक्रान मोटाई वाली पराबैंगनी किरणों से अवरोधी सफेद रंग की पारदर्शी प्लास्टिक चादर से ढ़का जाता हैद्य यह ग्रीन हाउस के सिद्धान्त पर कार्य करता है और इसमें बागवानी पौधशाला के आवश्यकतानुसार तापमान, नमी एवं अन्य वातावरण नियन्त्रण हेतु व्यवस्था की जाती है।
निर्माण-
पॉलीहाउस का भी निर्माण जीआई पाईप, बांस या लकड़ी की सहायता से किया जा सकता है, इस प्रकार से तैयार पॉलीहाउस में पारदर्शिता इतनी होती है, कि लगभग 70 से 80 प्रतिशत सूर्य का प्रकाश छनकर पौधों को मिल जाता है।