अब मिलेगा टेक्सटाइलस पार्कों की स्थापना पर  ब्याज उपादान

 

 


 

     उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में वस्त्रोद्योग इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने और अधिकाधिक रोजगार सृजन की दृष्टि से विभिन्न प्रकार की ब्याज उपादान योजनाएं को मंजूरी प्रदान की है। इसमें टेक्सटाइल औद्योगिक आस्थानों एवं पार्कों हेतु भूमि लागत ब्याज उपादान, आन्तरिक अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु ब्याज उपादान तथा टेक्सटाइल पार्कों,आस्थानों में स्टाफ क्वार्टर,हास्टल, डोरमेट्री के निर्माण हेतु ब्याज उपादान योजनाएं शामिल हैं।

     अपर मुख्य सचिव, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग श्री रमारमण ने उत्तर प्रदेश हैण्डलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइन एण्ड गारमेंटिंग पालिसी-2017 में टेक्सटाइल पार्काें को अनुमन्य सुविधाओं के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इसके तहत टेक्सटाइल पार्क की स्थापना हेतु भूमि क्रय के लिये गये ऋण पर देय वार्षिक ब्याज की प्रतिपूर्ति की जायेगी। गौतमबुद्ध नगर को छोड़कर शेष सभी जिलों में यह सुविधा अनुमन्य होगी। प्रतिपूर्ति की राशि वार्षिक ब्याज की 50 प्रतिशत सात वर्षों तक देय होगी। भूमि क्रय के लिए प्रचलित सर्किल रेट पर अधिकत्म एक करोड़ रुपये प्रतिवर्ष उपादान देने का भी प्राविधान किया गया है।

     जारी दिशा निर्देश के अनुसार टेक्टाइल पार्कों,आस्थानों के आन्तरिक अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु लिये गये ऋण पर वार्षिक ब्याज की 60 प्रतिशत धनराशि की प्रतिपूर्ति 07 वर्षों तक की जायेगी। ब्याज उपादान की अधिकत्म सीमा 10 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष, प्रति पार्क होगी। इसी प्रकार स्टाफ क्वार्टर,हास्टल, डोरमेट्री के निर्माण हेतु लिये गये ऋण के ब्याज पर 60 प्रतिशत 07 वर्ष तक उपादान दिया जायेगा, जिसकी अधिकत्म सीमा 05 करोड़ रुपये होगी। यह सुविधा प्लग एण्ड प्ले सुविधाओं के समीपीय क्षेत्र में दी जायेगी।

     दिशा निर्देशों में कहा गया है कि पार्कों की स्थापना में में इन सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए पात्रताएं भी निर्धारित की गई है। टेक्सटाइल पार्क न्यूनतम् 25 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित होना चाहिए। पार्क हेतु भूमि का पंजीकरण स्पेशल पर्पज व्हीकल (एस0पी0वी0) के नाम पर होना चाहिए। पार्क में कम से कम 25 इकाइयां स्थापित हों। टेक्सटाइल्स पार्क की स्थापना हेतु संबंधित विभागों से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करना जरूरी होगा।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ब्राह्मण वंशावली

मिर्च की फसल में पत्ती मरोड़ रोग व निदान

ब्रिटिश काल में भारत में किसानों की दशा