कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई -डाॅ0 दिनेश शर्मा

कोरोना से बचाव के लिए सरकार कर रही है हर संभव उपाय !



    उप  मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने आज बीरबल साहनी मार्ग पर चल रहे कम्युनिटी किचन का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होने कहा कि कोरोना महामारी से लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सरकार कटिबद्ध है। सरकार हर संभव उपाय कर रही है कि प्रदेश में इस बीमारी को फैलने से रोका जाए। संकट के इस दौर में लॅाकडाउन के चलते गरीबों के सामने जो रोजी रोटी का संकट आया है उनको भी सरकार मदद कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की मंशा के अनुरूप प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस बात के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहे। इसके लिए सामाजिक संस्थाओं से भी सहयोग लिया जा रहा है और इस कार्य के लिए आगे आ रही संस्थाओं का सहयोग सराहनीय है। प्रदेश में  सामुदायिक किचन आरंभ किए गए हैं और आज प्रदेश में एक हजार से अधिक किचन कार्य कर रहे हैं।

     उन्होने कहा कि सरकार ने मनरेगा की मजूदरी बढाने के साथ ही मजदूरों के खाते में पैसा भेजा है। करीब 611 करोड रूपए की धनराशि उनके खातों में भेजी गई है। इसके साथ ही दिहाडी मजदूरों को भी संकट के इस दौर में एक-एक हजार रुपए की मदद की गई है। उन्होंने कहा कि इस बात की भी व्यवस्था की गई है कि खाद्य सामान की आपूर्ति बनी रहे और सामान की कमी नहीं होने पाए। वस्तुओं के दाम पर भी नजर रखी जा रही है, जो भी कालाबाजारी करने का कार्य करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लोगों के घरों में सामग्री पहुचाने की व्यवस्था की गई है। 

    डॉ शर्मा ने कहा कि लोग घर से नहीं निकले तथा सरकार द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। धार्मिक संगठनों ने भी लोगों से अपील की है कि वे घरों से बाहर नहीं आए। खाटू श्याम मंदिर से प्रतिदिन  करीब 1800 लोगों के लिए भोजन के पैकेट तैयार किए जा रहे हैं। इसके अलावा करीब 3000 मास्क और दस हजार सेनेटाईजर का भी वितरण किया गया है। उन्होने डालीगंज, लोहिया  पार्क, चैक में नगर निगम की कम्युनिटी किचन का भी निरीक्षण किया  है। इस किचन के लिए समाज सेवियों द्वारा राशन की व्यवस्था की गई है। यहां से भी प्रतिदिन हजारों लोगों को भोजन कराया जा रहा है।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ब्राह्मण वंशावली

मिर्च की फसल में पत्ती मरोड़ रोग व निदान

ब्रिटिश काल में भारत में किसानों की दशा