ओलावृष्टि एवं अतिवृष्टि से  किसानों की फसल को हुये नुकसान का आकलनक कर 25 मार्च तक कम्पनियाँ करे भुगतान


उत्तर प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही ने बीमा कंपनियों को निर्देशित करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्राविधानों के अनुसार 15 दिन के अन्दर सर्वेक्षण कार्य कराकर प्रदेश में ओलावृष्टि एवं अतिवृष्टि से किसानों को हुये नुकसान का व्यक्तिगत क्षति के आधार पर आकलन किया जाये। साथ ही समस्त बीमा कंपनियां जनपदवार, कंपनीवार, कृषकवार, अतिवृष्टि एवं ओलावृष्टि का अलग-अलग विवरण एक रजिस्टर में अंकित करते हुये एक सप्ताह के अन्दर कृषि निदेशालय को उपलब्ध कराये।

कृषि मंत्री आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में कृषि विभाग के अधिकारियों एवं बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों को क्षतिपूर्ति के भुगतान की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने बीमा कंपनियों के टोलफ्री नम्बर के क्रियाशील न होने पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुये निर्देश दिये कि आॅफलाईन प्राप्त आवेदन पत्रों एवं दावों का भी संज्ञान लिया जाय। साथ ही जिन किसानों की काॅल ड्राॅप के कारण दावे पंजीकृत नहीं हो सके हैं, उन किसानों के दावों का भी सर्वे कराया जाय।

कृषि मंत्री ने खरीफ 2019 मौसम में बीमा कंपनीवार क्षतिपूर्ति के भुगतान की भी समीक्षा की। उन्होंने पाया कि नेशनल इंश्योरेन्स, दि ओरियन्टल इंश्योरेन्स एवं यूनिवर्सल सोमपो इंश्योरेन्स कंपनियों द्वारा खरीफ 2019 की क्षतिपूर्ति का भुगतान अभी तक सुनिश्चित नहीं किया गया है। इस पर उन्होंने बीमा कंपनियों को निर्देश दिये कि आगामी 25 मार्च तक ब्याज सहित किसानों की क्षतिपूर्ति का भुगतान सुनिश्चित करें। अन्यथा की स्थिति में कंपनियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करते हुये उन्हें काली सूची में डाल दिया जायेगा।

कृषि राज्यमंत्री, श्री लाखन सिंह राजपूत ने निदेशक सांख्यिकी, श्री विनोद सिंह से किसानों की क्षतिपूर्ति के भुगतान की प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बीमा कंपनियों को निर्देशित करते हुये कहा कि आवंटित जनपदों में शीघ्रातिशीघ्र सर्वे कार्य पूर्ण कराते हुये किसानों की क्षतिपूर्ति का भुगतान सुनिश्चित करें।

प्रमुख सचिव कृषि, श्री देवेश चतुर्वेदी ने बैठक में बीमा कंपनियों से अपेक्षा की कि वे जनपद स्तर पर स्थापित अपने कार्यालयों एवं कार्मिकों का भी विवरण उपलब्ध करायें। इसके अतिरिक्त ब्लाॅक एवं तहसील स्तर पर प्राप्त प्रार्थना पत्रों का भी पूर्ण विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये। कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि वे राजस्व विभाग से अद्यतन सूची प्राप्त कर बीमित किसानों के नुकसान का आकलन सुनिश्चित करें। 

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