आप को क्या कहूं योगी या विरक्त?
डॉ शिव राम पाण्डेय
स्वतंत्र पत्रकार
आप को क्या कहूं योगी या विरक्त? पिता की मृत्यु की सूचना पर भी अविचल,"गतं न सोचामि" जो बचे हैं उन्हें बचाये रखने की चिंता। टीम११ की बैठक आंखों में आंसू और दो मिनट का मौन। सूबे का मुखिया होने के नाते उत्तर प्रदेश वासियों को महामारी से बचाने की चिंता, पिता के अंतिम संस्कार में भी नहीं शामिल होने का निर्णय। ऐसा त्याग आप ही कर सकते हैं। आप के त्याग और कर्त्तव्य निष्ठा को सादर नमन। दिवंगत आत्मा को ईश्वर अपने चरणों में शरण दें। विनम्र श्रद्धांजलि।