बीएड की फर्जी डिग्री वाले शिक्षकों की नियुक्ति शून्य करने का आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि फ्राड और न्याय एक साथ नहीं रह सकते। कोर्ट ने फर्जी डिग्री से हुई नियुक्ति को किया शून्य और अवैध घोषित । कोर्ट ने ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति को निरस्त करने का दिया आदेश, न्यायालय ने कहा उन्हें बर्खास्त करने के लिए विभागीय जांच की नहीं है जरूरत।
कोर्ट ने एसआईटी जांच रिपोर्ट एवं डा भीमराव अंबेडकर विवि आगरा की रिपोर्ट के आधार पर यह आदेश दिया।
वर्ष 2005 के बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर कई जिलों में बेसिक शिक्षक कर रहे थे नौकरी।
न्यायालय ने बेसिक विद्यालयों में नियुक्त सहायक अध्यापकों की बर्खास्तगी को वैध करार दिया। कोर्ट ने कहा जिनकी डिग्री सही है, उन्हें बहाल कर वेतन भुगतान किया जाये। और सरकार फर्जी अध्यापकों से वसूली करने के लिए हैं स्वतंत्र है। इसी के साथ सहायक अध्यापिका नीलम चौहान सहित 608 याचिकायें निस्तारित कर दी गई।
यह निर्णय जस्टिस एस पी केशरवानी की एकल पीठ ने दिया ।


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