भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने घनी आबादी वाले क्षेत्रों में कोबिड -19 के प्रसार को नियंत्रित के लिए जारी कियें सरल दिशानिर्देश

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने घनी आबादी वाले क्षेत्रों में कोबिड -19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सावधानियों और उपायों की एक सरल दिशानिर्देश जारी किया है। विशेष रूप से, ये उन क्षेत्रों से संबंधित हैं, जहां शौचालय, कपड़े धोने या स्नान करने की सुविधाएं सामूहिक रूप से उपयोग की जाती हैं।


प्रस्तावित उपायों का मुख्य लक्ष्य है स्वच्छता और सफाई के नियमों को ध्यान में लेते हुए उन महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों को रेखांकित करना जो रोग के फैलाव को नियंत्रित करने में सहायता कर सकते हैं।

इन क्षेत्रों में निवासियों के लिए नियमित रूप से हाथ धोने की सुविधाओं की तत्काल आवश्यकता को संबोधित करते हुए, दिशानिर्देश पैर संचालित हाथ धोने के उपकरणों को लगाने की प्रस्तावना देते हैं। इस प्रकार के उपकरण विश्व भर में महामारी को रोकने के लिए उपयोग में लिए गए हैं।

पैर-संचालित उपकरण न केवल उच्च संक्रमण संभावित क्षेत्रों में निवासियों के स्पर्श से फैलने वाले वाले संक्रमण की संभावना को कम करते हैं, बल्कि हाथ धोते समय इससे पानी की भी बचत होती है।

प्रस्तावित उपायों को सामुदायिक स्वयं सेवक और अधिकारी, स्वयं ही, सस्ती और स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्रियों का उपयोग करके, लॉकडाउन और आपूर्ति श्रृंखला से जुडी चुनौतियों के समय में भी बना सकते हैं।

स्थायी रूप से सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों में पैर संचालित उपकरण स्थापित करने से, पानी का उपयोग हम होगा और साथ ही सदस्यों में हाथ धोने की आदत बनी रहेगी ।

इन उपकरणों के पानी में क्लोरीन मिलाने से ये और भी प्रभावशाली हो सकते हैं और अधिकारियों को इस प्रस्ताव पर विचार करना चाहिए।


समुदायों में स्वच्छता और सफाई के लिए शौचालयों को उचित रूप से उपयोग करने की रूपरेखा भी स्पष्ट रूप से उल्लिखित की गई है। शौचालय में हमेशा चेहरे को ढंकने और जूते पहनने की आवश्यकता, उपयोग के तुरंत बाद हाथ धोना और एक दूसरी से दूरी  नाए रखने जैसे सरल उपायों पर प्रकाश डाला गया है।

सार्वजनिक क्षेत्रों और घरों को साफ और स्वच्छ रखने के लिए कीटाणुनाशक का भी विस्तृत वर्णन किया गया है।

दिशानिर्देश में दिए गए उपायों की दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है कि अधिकारी, स्वयं सेवक और समुदाय इन समाधानों का प्रबंधन एक दुसरे के साथ मिल कर करें । वे सभी सीमावर्ती कार्यकर्ताओं और स्वच्छता कर्मचारियों जो रोग की रोकथाम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, उनके लिए पूर्ण सहयोग और सम्मान की आवश्यकता पर जोर देते हैं।  ।

प्रोफेसर के विजयराघवन, भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार ने इस महत्त्वपूर्ण विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कहा: " COVID-19 महामारी से जूझने के लिए, भारत प्रत्येक संदर्भ के लिए सबसे प्रभावी सक्षम उपाय लागू करने के लिए अग्रसर है । हमारी घनी आबादी वाले क्षेत्रों, धारावी जिनका एक उदाहरण है, पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। पीएसए के कार्यालय की टीम द्वारा बनाई हुए यह दिशानिर्देश, यह बताते हैं कि कैसे मितव्ययी लेकिन प्रभावी उपकरण भी सकारात्मक प्रभाव ला सकते हैं। सामुदायिक संपर्क के स्थान, जैसे शौचालय और स्नान क्षेत्र आदि स्थलों पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।  सामुदायिक नेताओं, गैर सरकारी संगठनों, कॉरपोरेट्स आदि से इन उपायों अवं और अन्य प्रबंधनों को लागू करने का आग्रह किया जाता है।

यह सुझाव दिया जाता है कि कॉरपोरेट्स, गैर सरकारी संगठन और  संस्थाएँ, जो कोविद-१९ को रोकने में अपना योगदान देना चाहते हैं, वे इन दिशानिर्देशों में दिए गए उपायों को घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में अपना  समर्थन और प्रायोजक समाधानों में सहायता दे कर, उन्हें लागू करने के लिए समुदायों और स्वयंसेवकों के साथ क्रियान्वित करें। ये दिशानिर्देश अंग्रेजी के अलावा हिंदी, मराठी और उर्दू और हमारी सभी भाषाओं में उपलब्ध कराए जाएंगे।


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