एल-1, एल-2 व एल-3 डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों का क्षमता विस्तार करने के निर्देश


अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने नोवल कोरोना वायरस के उपचार हेतु जिला अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाने, कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाये जाने की तैयारी करने एवं एल-1 व एल-2 अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि एल-1, एल-2 व एल-3 डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों का क्षमता विस्तार किया जाए। उन्होंने पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। प्रदेशवासियों को आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं सुलभ होना आवश्यक है। इसके दृष्टिगत, सभी प्रकार के सुरक्षात्मक उपाय अपनाकर राज्य में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं तत्काल बहाल की जाएं। मेडिकल इंफेक्शन को रोकने के लिए आवश्यक है कि बचाव के सभी उपाय अपनाये जाएं। उन्होंने कहा है कि आपातकालीन चिकित्सा के दौरान मेडिकल इंफेक्शन रोकने के लिए स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभागों द्वारा हर सम्भव कदम उठाये जाएं। डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाये जाने पर बल देते हुए उन्होंने कोविड अस्पतालों और नाॅन कोविड अस्पतालों को अलग-अलग परिसरों में बनाये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के सभी 52 मेडिकल काॅलेजों में कोविड अस्पताल बनाया जाए। जिन जनपदों में मेडिकल काॅलेज नहीं हैं, वहां जिला चिकित्सालय को कोविड अस्पताल बनाया जाए। कोविड और नाॅन कोविड अस्पतालों के लिए प्रोटोकाॅल भी तय किया जाए।

श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि लाॅकडाउन व्यवस्था का प्रभावी पालन सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि 01 मई, 2020 से जरूरतमन्दों के लिए खाद्यान्न वितरण की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। मण्डी खुले स्थानों में लगवायी जाए तथा इनमें सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जाए। होम डिलीवरी में लगे लोगों का मेडिकल टेस्ट भी कराया जाए। प्रत्येक जनपद में 15,000 से 25,000 क्षमता के क्वारंटीन सेण्टर तथा आश्रय स्थल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। क्वारंटीन स्थलों पर अच्छे व पर्याप्त भोजन एवं पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि प्रदेश में अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को अवश्य क्वारंटीन कराया जाए। क्वारंटीन में भेजने से पूर्व सभी श्रमिकों की मेडिकल जाँच भी सुनिश्चित करायी जाए। हाॅटस्पाॅट इलाकों में केवल होम डिलीवरी, स्वास्थ्य व सेनिटाइज़ेशन से सम्बन्धित कर्मियों के आने-जाने की अनुमति दी जाए। हाॅटस्पाॅट क्षेत्रों में प्रत्येक घर को सेनिटाइज़ कराया जाए।

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