कोरोना के चलते गन्ना किसानों के लिए प्रिंटेड गन्ना पर्ची की जगह एस.एम.एस. पर्ची सुविधा !

जिन कृषकों के मोबाइल नंबर बदल गए हैं अथवा कंप्यूटर में अपडेट नहीं हैं वह ई-गन्ना एप की मदद से अपना मोबाइल नंबर ठीक करा लें इससे उनको पर्ची निर्गमन की सूचना सही समय से प्राप्त हो सके।



प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना किसानों को पूर्व में प्रिंटेड पर्ची तथा मोबाइल फोन पर एस.एम.एस. पर्ची दोनों ही उपलब्ध कराई जा रही थी परंतु वर्तमान में कोरोना महामारी के दृष्टिगत आयुक्त, गन्ना एवं चीनी श्री संजय भूसरेड्डी,  द्वारा प्रिंटेड गन्ना पर्ची को बंद कराकर किसानों को केवल एस.एम.एस. पर्ची उनके मोबाइल फोन पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। अब गन्ना किसानों को केवल एस.एम.एस पर्ची पूर्व की भांति उनके मोबाइल फोन पर उपलब्ध होगी। उपर्युक्त व्यवस्था के अतिरिक्त गन्ना किसान सेन्टरों पर उपलब्ध दैनिक गन्ना क्रय की सूची (एक्नॉलेजमेंट स्लीप) के आधार पर भी अपना गन्ना क्रयकेन्द्र को उपलब्ध करा सकते हैं। गन्ना किसान एस.एम.एस. पर्ची को दिखाकर तथा साथ में फोटो युक्त पहचान पत्र यथा- वोटर आई.डी. कार्ड, आधार कार्ड आदि को दिखाकर अपने गन्ने की तौल करा सकेंगे।
श्री भूसरेड्डी ने गन्ना किसानों से यह भी अपील की है कि जिन कृषकों के मोबाइल नंबर बदल गए हैं अथवा कंप्यूटर में अपडेट नहीं हैं ऐसी स्थिति में कृषकों से अनुरोध है कि वह कृपया एन्ड्रोएड मोबाइल फोन पर ई-गन्ना एप की मदद से अपना मोबाइल नंबर ठीक करा लें (ई-गन्ना एप खोल कर, कृषक रजिस्टर करके, सबसे ऊपर दाईं तरफ तीन डाट को छूने पर मोबाइल नं. बदलने का आप्सन आता है, आपके बैंक खाते का आखिरी 6 अंक पासवर्ड है)। इससे उनको पर्ची निर्गमन की सूचना सही समय से प्राप्त हो सकेगी। किसान भाई कृपया अपने मोबाइल में इनबॉक्स (जिसमें एस.एम.एस. आता है) को भी खाली रखें, इनबॉक्स भरे होने पर एस.एम.एस. आपको प्राप्त नहीं हो सकेगा।
श्री भूसरेड्डी ने सभी चीनी मिलों को गन्ना पर्चियों की एक्नॉलेजमेंट सूची गन्ना क्रय केंद्रों तथा मिल गेट पर अनिवार्य रूप से चस्पा करने के निर्देश भी दिए गए हैं। उन्होंने कृषकों से अपील की है कि इस महामारी को रोकने हेतु सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करें।


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