क्या होता है इलेक्ट्रिक लाकडाउन होने पर ?


देश की 130 करोड़ जनता 5 अप्रैल रात्रि 9 बजे 9 मिनट के लिए बिजली बंद कर देंगे तो विद्युत उत्पादन ग्रिडो का क्या होगा ।
वैसे ही डिमांड कम है । पिछले 20 दिनों में ग्रिड पर लोड लगभग 30% कम हो गया है, ट्रैन / फैक्ट्री / बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं । बिजली का स्टोरेज संभव नही है, जिस क्षण लोड कम होता है या बढ़ता है उसी क्षण किसी न किसी पॉवर प्लांट में उतना लोड कम किया जाता है या बढ़ाया जाता है । देश मे जो बिजली सप्लाई हो रही है उसका 70 -80 प्रतिशत थर्मल प्लांट से आता है (छत्तीसगढ़ में तो लगभग 98% से ज्यादा हैं )। थर्मल प्लांट की लोड कम करने की क्षमता सीमित होती है । वो अगर अपनी क्षमता के 60% से कम लोड पर चलाये जाएं तो उनके स्थायित्व पर संकट आ सकता है। यह बिंदु टेक्निकल मिनिमम कहलाता है। लॉक डाउन के चलते बड़ी संख्या में थर्मल प्लांट टेक्निकल मिनिमम या उसके आसपास ही चल रहे हैं । अब अगर ये बिजली बंद करने का आव्हान 70% भी अमल में आया तो ग्रिड पर बड़ा जर्क आएगा । अनावश्यक तौर पर सारी व्यवस्था हलाकान होगी । यदि ग्रिड डिस्टर्ब हुआ तो 12 - 24 घंटे लगेंगे व्यवस्था ठीक होने में । इस बीच अस्पताल और अन्य आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं । 

                      ऑल इंडिया कोरोना लॉकडाउन के बीच पीएम नरेंद्र मोदी की 5 अप्रैल यानी रविवार की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए लाइट ऑफ करके दीया, मोमबत्ती, टॉर्च या मोबाइल का फ्लैशलाइट जलाने की अपील पर केंद्र सरकार के पावर मिनिस्टर आरके सिंह और उनकी मिनिस्ट्री अलर्ट मोड में आ गई है। 

घबराहट की  वजह तकनीकी है और वो ये कि पावर लोड अचानक घटने से ब्लैक आउट हो सकता है यानी बिजली ग्रिड की भी बत्ती गुल हो सकती है।

                 देश भर में पावर प्लांट से पावर हाउस, पावर हाउस से घर-घर बिजली पहुंचाने की जो तकनीकी व्यवस्था है उसे ग्रिड कहते हैं और ये ग्रिड सिर्फ लोड बढ़ने से ही नहीं, लोड के अचानक घटने से भी खराब हो सकती हैं। कोरोना लॉकडाउन के कारण दफ्तर और फैक्ट्री वगैरह बंद होने की वजह से देश में पहले ही बिजली की डिमांड में 25-30 फीसदी की कमी रिकॉर्ड की गई है।

 

                 पीएम की अपील से जैसे ही ये साफ हुआ कि 5 अप्रैल की रात अचानक से देश में पावर लोड कम होने पर बिजली ग्रिड को संभालना होगा पावर मिनिस्ट्री एक्शन मोड में है ताकि कहीं भी ब्लैक आउट की स्थिति ना पैदा हो। केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने शुक्रवार को विभाग की उच्चस्तरीय मीटिंग बुलाई जिसमें मंत्रालय के अलावा पावर ग्रिड और ग्रिड ऑपरेटर कंपनी के अधिकारी शामिल हुए।

 एक अधिकारी ने कहा कि 2 अप्रैल को पिछले साल के इसी दिन के मुकाबले पीक डिमांड 25 परसेंट कम दर्ज किया गया है। मीटिंग में संडे रात 9 बजे अचानक लोड घटने की सूरत में बिजली ग्रिड की सेहत ठीक रखने के उपाय पर चर्चा हुई और उसकी रणनीति बनाई गई। जिम्मेदार लोगों से उम्मीद की जाती है कि बिजली व्यवस्था बनाये रखने में यदि सहयोग न कर सकें तो कठिनाई पैदा न करें। 


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ब्राह्मण वंशावली

मिर्च की फसल में पत्ती मरोड़ रोग व निदान

ब्रिटिश काल में भारत में किसानों की दशा