नींबू तथा लीची के बागानों से अधिक उपज हेतु प्रबंधन

           


   डॉ विवेक कुमार त्रिपाठी


  विभागाध्यक्ष उद्यान विज्ञान



चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डी.आर. सिंह के निर्देश के क्रम में उद्यान विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ विवेक कुमार त्रिपाठी ने इस समय नींबू तथा लीची के बागानों में विभिन्न औधानिक क्रियाएं जिनसे अधिक उपज और गुणवत्ता और उत्पादन प्राप्त हो, इस हेतु एडवाइजरी जारी की है। डॉ त्रिपाठी का कहना है  कि इस समय नींबू वर्गीय विभिन्न फलों जैसे संतरा किन्नू मुसम्मी कागजी नींबू इत्यादि फल विकास की अवस्था में है, इन फलों को इस समय गिरने से बचाने के लिए पौधे पर नेप्थलीन एसिटिक एसिड कि 50 मिलीग्राम दवा या प्लानोफिक्स 4.5% की 0.5 मिली लीटर दवा को 1 लीटर पानी में घोलकर पौधों पर छिड़काव करने से फलों के फटने की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। फलो का फटना तापक्रम के विकास से भी सीधा संबंधित है अतः फलों की तुड़ाई होने तक पौधों के पास हल्की नमी बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है, जिसके लिए 3-4 दिनों के अंतराल पर हल्की सिंचाई करने के साथ-साथ पौधों के पास पलवार बिछा देते हैं जिससे नमी संरक्षित रहती है। ड्रिप सिंचाई के प्रयोग से भी नमी को बचाए रखकर पानी की बचत की जा सकती है। पौधों पर 5 ग्राम बोरेक्स तथा 5 ग्राम जिंक सल्फेट को 1 लीटर पानी में घोलकर,  फलो पर छिड़काव करने से फलों के फटने की प्रक्रिया को कम किया जा सकता है।



डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि प्रदेश में कई स्थानों पर लीची भी बहुतायत में उगाई जाती है, लीची के फल विकास की अवस्था में है और पिछले 1-2 दिनों से बेमौसम बारिश हो जाने के कारण लीची के फलों में फल बेधक कीट का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है और यदि पुनः फिर बारिश होती है तो फसल पर थिआक्लोप्रिड  0.75 की 1 मिलीलीटर दवा अथवा नोबाल्यूरान की 1.5 मिलीलीटर मात्रा को 1 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें। तापक्रम में वृद्धि के साथ फलों के फटने की समस्या से बचने के लिए पौधों के पास पलवार बिछाकर हल्की सिंचाई के द्वारा या ड्रिप इरिगेशन करके नमी को बनाए रखना अति आवश्यक होता है, पौधों पर 5 ग्राम बोरेक्स को प्रति लीटर पानी में घोलकर फलों पर छिड़काव करने से फल कम या नहीं फटते हैं। फलों को गिरने से बचाने के लिए भी 50 मिलीग्राम नेप्थलीन एसिटिक एसिड अथवा प्लानोफिक्स 4.5% की 0.5 मिलीलीटर मात्रा को  एक लीटर पानी में घोलकर नव विकसित फलो पर छिड़काव करने से फलों के गिरने की समस्या से बचा सकता है। पौधों में 300 ग्राम पोटाश प्रति पौधा डालने से फलों की मिठास और गुणवत्ता में भी वृद्धि होती है। विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉक्टर खलील खान ने बताया कि बागवान भाई बागों में समसामयिक कार्य करते समय कोविड-19 के दृष्टिगत मुंह में मास्क लगा रहे तथा सामाजिक दूरी अवश्य बनाए रखें।


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