प्रदेश के जनपदों में कुल 818 आश्रय केन्द्रों में 15084 लोग निवास कर रहे-श्रीमती रेणुका कुमार



कोविड-19 के कारण देश में घोषित लाकडाउन की अवधि में सूचीबद्ध आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति करने वाली संस्थाओं के लिए पास जारी करने हेतु ऑनलाईन ई-पास जारी करने हेतु फार्मेट तैयार किया गया है। विशेष परिस्थतियों में आम-जन चिकित्सा सेवाएं प्राप्त किये जाने के लिए ही ई-पास हेतु आवेदन कर सकते है।
यह जानकारी प्रदेश की अपर मुख्य सचिव, राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार ने देते हुये बताया कि ई-पास हेतु आवेदक http://164.100.68.164/upepass2 पोर्टल पर आनलाइन आवेदन कर सकते है। जनपद स्तरीय प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा आनलाइन प्राप्त आवेदनों का परीक्षण व सत्यापन करते हुए आनलाइन ई-पास जारी किये जायेंगे। जारी किये गये ई-पास का लिंक आवेदक द्वारा दिये गये मोबाइल नम्बर पर प्रेषित कर दिया जायेगा। आवेदक इस लिंक पर क्लिक कर आनलाइन पास की इलेक्ट्रानिक कापी प्राप्त कर सकता है। इस कार्य में किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या के संबंध में नचमच्ंेे/हउंपसण्बवउ पर सम्पर्क किया जा सकता है।
प्रदेश स्तर पर इन्टीग्रेटेड राहत कन्ट्रोल रूम की स्थापना राहत आयुक्त कार्यालय, एनेक्सी भवन, द्वितीय तल में की गयी है। उन्होंने बताया कि अधिकांश जनपदों में जनपद स्तरीय राहत कंट्रोल स्थापित किये जा चुके है। इन कंट्रोल रूम को राज्य के कंट्रोल रूम से जोड दिया गया है तथा प्रथम चरण की पायलट टेस्टिंग की जा चुकी है। समस्त 18 मण्डलों में कमिश्नरी कंट्रोल रूम स्थापित कराये जाने तथा इन्हें राज्य स्तरीय इन्टीग्रेटेड राहत कन्ट्रोल रूम से जोड़े जाने के सम्बन्ध में कार्यवाही की जा रही है। राज्य स्तरीय इन्टीग्रेटेड राहत कन्ट्रोल रूम को अन्य राज्यों के कंट्रोल रूम से भी जोड़ा जा रहा है।
श्रीमती कुमार ने बताया कि विगत 31 मार्च तक समस्त 75 जनपदों में कुल 818 आश्रय केन्द्र खोले जा चुके हैं। इन आश्रय स्थलों में 15084 लोग रह रहे है। इन आश्रय स्थलों का पता व नोडल अधिकारी के फोन नम्बर आदि की सूची जनपदों से प्राप्त हो चुकी है।


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