"तुम्हें प्रणाम है "
प्रस्तुति :- सीमा शुक्ला अयोध्या
सो है मुण्ड माल गंगाधर जिनके कपाल,
ऐसे महादेव त्रिपुरारी को प्रणाम है ।।
आये थे मिटाने जो धरा पे अत्याचार सारा,
राम रूप प्रभु अवतारी को प्रणाम है।।
त्यागमयी,वत्सला,पतिव्रता हुई सिया जी,
सीता माता प्राण से पियारी को प्रणाम है।।
चारो युग मे जो है मिटाई अत्याचार सदा,
आदिशक्ति दुर्गा जी कुँवारी को प्रणाम है।।
सूरवीर,साहसी सपूत देशभक्त तुम्हे ,
जन्म देने वाली महतारी को प्रणाम है ।।
बेटे कुर्बान हो बचाये मां की लाज प्यारी,
धन्य माता भारती दुलारी को प्रणाम है ।।
लक्ष्मी जो साहसी गंवाई जान देशहित,
ऐसी वीर देशप्रेमी नारी को प्रणाम है ।।
मात्रभूमि के लिए शहीद जो हुए सपूत,
भारती के ऐसे पुजारी को प्रणाम है।।
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