डाकिया बनें चलता-फिरता एटीएम : रसोई, खेत, नाव तक पर दे रहा पैसे निकालने की सुविधा


कोरोना संक्रमण के चलते लॉक डाउन के समय उत्तर प्रदेश के गांवों और दूरदराज के क्षेत्रों में डाक विभाग हर रोज 80 हजार से अधिक लोगों तक पैसा पहुंचा रहा है। उत्तर प्रदेश के चीफ पोस्टमास्टर जनरल श्री कौशलेन्द्र कुमार सिन्हा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में डाकिए व ग्रामीण डाक सेवक आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के माध्यम से दूसरे बैंकों से 140 करोड़ रुपए से अधिक की रकम निकालकर अब तक जरूरतमंदों को दे चुके हैं। डाक विभाग की इस सुविधा के चलते राज्य सरकार को भी काफी आसानी हुई है। इससे बैंकों में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत भेजी गई रकम घर बैठे लोग डाकिया के माध्यम से निकाल पा रहे हैं। श्री सिन्हा ने कहा कि डाक विभाग की इस पहल से वृद्धजनों, दिव्यांग, मरीज, अक्षम, गरीब, किसान व मजदूरों को सबसे ज्यादा लाभ हो रहा है। डाक विभाग की इस पहल की केंद्रीय संचार मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने भी ट्वीट करके तारीफ की है।

चीफ पोस्टमास्टर जनरल श्री कौशलेन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा कि डाकघर की शाखाएँ प्रदेश के कोने-कोने में है। भारत सरकार द्वारा डाक सेवाओं को आवश्यक सेवा के रूप में रखने के बाद डाकघर सामान्यतया हर तरह की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। दवाओं की बुकिंग, वितरण से लेकर पैसों को पहुंचाने के लिए रोड ट्रांसपोर्ट नेटवर्क द्वारा मेल वैन पूरे प्रदेश में चल रही हैं। डाकघर बचत खातों के जरिए इस दौरान 6,000 करोड़ रुपए से अधिक का ट्रांजेक्शन हुआ है।

लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि, घर की रसोई से लेकर खेतों तक, गाँव की गलियों से लेकर नदियों में नाव तक पर जाकर डाकिया लोगों को एईपीएस के माध्यम से उनके बैंकों से पैसे निकालने की सुविधा दे रहे हैं। जिला प्रशासन के साथ विभिन्न स्कूलों व पंचायत भवनों पर कैम्प लगाकर भी लोगों को रकम निकालने की सुविधा दी जा रही है। श्री यादव ने कहा कि, महामारी के इस दौर में डाककर्मी सोशल डिस्टेंसिंग व पूरी एहतियात बरतते हुए समर्पण भाव के साथ कार्य कर रहे हैं।

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, डाकियों के पास उपलब्ध माइक्रो एटीएम से प्रतिदिन एक व्यक्ति द्वारा आधार लिंक्ड अपने बैंक खाते से दस हजार रूपए तक की रकम निकाली जा सकती है। इसके लिए किसी भी प्रकार का चार्ज नहीं लिया जाता है।


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