" जायद मूँगफली " की फसल प्रबन्धन

                                                    डॉ० जितेन्द्र सिंह 
                                                    मो० - 7839921977



किसान भाइयों,  गर्मी की मूगफली जिसकी बुआई मैनपुरी व उसके आसपास के कई जनपदो में की गई हैं क्योंकि मैं इसके क्षेत्र विस्तार की सफलता का हिस्सा रहा हूँ जिससे कई जनपदो के किसान भाई जानकारी लेते रहते हैं ।
    जो मूँगफली की फसल 45-50  दिन की हो गई होगी फूल तेजी से आ रहे होंगे तथा फली बनने का धागा जमीन में जा रहे होंगे तो इस स्थिति में अब मूँगफली के खेतों में कोई निराई गुड़ाई न करे  नही तो धागा ऊपर आ जायेंगे सूख़ जाएँगे फली नही बनेगी और उत्पादन कम हो जाएगा । इसीलिए बताया गया था कि पहली सिंचाई जल्दी नही करनी उसके पहले निराई गुड़ाई करना था वह आप किये होंगे ।
    अब जब तक मूँगफली पक न जाये खेत मे नमी बनाये रखें । 


   दीमक का प्रकोप कभी-2 होता हैं यहां तक होता हैं कि दीमक फली का मुलायम दाना खा लेते है और फली में मिट्टी भर देते हैं ।
   निगरानी करते रहें अगर दीमक दिखे तुरन्त नियंत्रण करे ।


  गर्मी की मूँगफली में विशेषता हैं कि पकने तक पत्तियां हरी रहती हैं अतः जैसे ही 90 -95 दिन की  फसल हो जाये खेत मे जाकर फली निकालकर देखे यदि दाना गुलाबी रंग का हो गया हो तथा फली में नशे ऊभर आये और 80-85 % फलियां पक जाए तो खुदाई कर ले । क्योंकि  फलियां पकने तक बनती रहती हैं। खुदाई के बाद सीधे तेज धूप में नही हल्के  छायादार स्थान में सुखाए जब फली बजने लगे ठीक से सुखाकर सफाई कर भंडारित करे। 
   खुदाई के समय भी पौधे हरे होने कारण इसको चारे में  प्रयोग कर सकते है । 


      नाडेप कम्पोस्ट की भराई में हरा पदार्थ के रूप में प्रयोग कर कम्पोस्ट तैयार कर सकते हैं ।


     खरीफ में  इन्ही प्रजातियों की बुआई  जुलाई में करके बीज तैयार करे ।  जिससे अगले जायद में बीज खरीदना न पड़े लागत कम हो ।


          


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