गन्ने की फसल में दिखा पोक्काबोइंग रोग


गन्ने की फसल में पोक्काबोइंग रोग  वर्तमान में दिखाई देने लगा है अगर इसकी रोकथाम की नही की गई तो बाद में बहुत ही खतरनाक स्थिति पैदा हो जाएगी।  यह एक फफूंदी जनित रोग है जिसका प्रकोप वर्षा ऋतु में सर्वाधिक होता है। रोग के लक्षण वर्ष भर दिखाई देते हैं। रोग की प्रारम्भिक अवस्था में अगौले की पत्तियों पर नीचे की ओर जहां पत्ती तने से जुड़ती है, वहां सफेद पीले रंग के धब्बे दिखाई देते है, जो बाद में लाल भूरे रंग के हो जाते हैं। इस रोग चपेट में आकर पत्ती वहां से सड़कर और टूटकर गिर जाती है। रोग की अधिकता होने पर अगौले की सारी पत्तियां आपस मे मुड़कर एक दूसरे से उलझ जाती है और सड़कर गिरने लगती हैं। अगौला एक ठूंठ की तरह दिखाई देता है। इससे फसल की बढ़वार रुक जाती है और उपज में भारी कमी दिखाई देती है। कृपया इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए तुरंत सिफारिश की गई फफूंदनाशकों को लागू करें।
नियंत्रण  - गन्ने मे पोक्काबोइंग रोग के लक्षण दिखने पर बाविस्टिन 0.1% अथवा कापरआक्सीक्लोराइड 0.2% का 15 दिन के अन्तराल पर दो छिड़काव करें।


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