प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को स्थापित कर 35112 किया जायेगा रोजगार सृजन

प्रदेश सरकार द्वारा निजी क्षेत्र में अधिक से अधिक निवेश आकर्षित करने एवं अधिकाधिक रोजगार सृजित करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 के अन्तर्गत उद्यमियों को पूंजीगत उपादान एवं ब्याज उपादान की सुविधायें प्रदान की जा रही हैं। नीति के अन्तर्गत दिनांक 28.05.2020 तक 448उद्यमियों द्वारा ऑन -लाइन आवेदन किया गया है, जिसमें रू0 2420.62 करोड़ का निजी पूंजी निवेश एवं 35112 रोजगार सृजन होगा। 

अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त, उ0प्र0, श्री आलोक सिन्हा की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय इम्पावर्ड समिति की  को आयोजित बैठक में कुल 99 प्रस्ताव जिनमें रू. 368.09 करोड़ का पूंजी निवेश निहित है, पर विचार किया गया। समिति द्वारा 96 परियोजना प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गयी जिससे प्रदेश में रू. 350.37 करोड़ का पूंजी निवेश किया जायेगा। अनुमोदित परियोजना प्रस्ताव में 49 इकाईयों को पूंजीगत उपादान एवं 47 इकाईयों को ब्याज उपादान की सुविधा स्वीकृत की गयी। परियोजना प्रस्तावों में राइस मिल, फ्लोर मिल, उपभोक्ता उत्पाद, दलहन प्रसंस्करण, तिलहन, दुग्ध प्रसंस्करण एवं फल-सब्जी प्रसंस्करण के प्रस्ताव सम्मिलित हैं।

बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त, श्री आलोक सिन्हा ने निर्देश दिये कि विभाग में स्थापित परियोजना सेल में प्रस्ताव प्राप्त होने पर लेटर-ऑफ -कम्फर्ट (एल.ओ.सी) निर्गत करने की कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह की निश्चित तारीख पर निदेशक,उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण की अध्यक्षता में उद्यमियों,प्रस्तावकों की नियमित रूप से एक बैठक आयोजित की जायेगी। श्री सिन्हा ने कहा कि प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की मण्डलवार सम्भाव्यता के दृष्ट्गित कलस्टर,जनपदवार अध्ययन कराकर निवेश को आकर्षित करने हेतु माॅडल प्रोजेक्ट प्रोफाइल तैयार कराया जाये। 

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