15 दिन के अन्दर नवनिर्मित तथा पुननिर्मित राजकीय नलकूप होगें ऊर्जीकृत


उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री  के प्रदेश में बन्द राजकीय नलकूपों ,लघु डाल नहरों के सम्बन्ध में परिक्षेत्रीय मुख्य अभियन्ताओं से स्थिति की जानकारी लेकर एक सप्ताह के अन्दर इन्हें क्रियाशील कर कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को चेतावनी भी दी कि यदि किसी भी स्तर पर इसमें लापरवाही की जाती है तो सम्बन्धित क्षेत्रीय अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी। साथ ही साथ यह भी निर्देश दिये गये कि समस्त लघु डाल नहरों की सफाई मनरेगा के तहत इस प्रकार करायी जाये कि हर खेत को पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।

जलशक्ति मंत्री  को अपने आवास पर सिंचाई (यांत्रिक) की वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में नवनिर्मित 206 राजकीय नलकूपों तथा पुनःनिर्मित 329 राजकीय नलकूपों के ऊर्जीकरण की स्थिति की समीक्षा में ऊर्जीकरण हेतु शेष राजकीय नलकूपों को विद्युत विभाग से समन्वय स्थापित कर 15 दिवस के अन्दर ऊर्जीकृत कराते हुए सिंचाईरत कर सूचना संकलित करते हुए प्रत्येक दशा में उपलब्ध करायी जाये। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाये।

उन्हों  ने निर्देश दिये कि प्रदेश में संचालित 05 वृहद एवं मध्यम पम्प नहरों के आधुनिकीकरण परियोजना की नहरवार समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि प्रत्येक दशा में नवीन पम्पों, मोटरों एवं अन्य उपकरणों की व्यवस्था वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 में ही कराते हुए परियोजना पूर्ण की जाये, जिससे कृषकों को परियोजना का लाभ प्राप्त हो सके। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाये। उन्होंने क्षेत्रीय कार्यालयों की स्वच्छता के प्रति अधिकारियों की उदासीनता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देशित किया कि कार्यालयों को कूड़ेघर की भाॅति न रखें, इन्हें साफ-सुथरा रखकर कार्य स्थल का स्वरूप दिया जाये, जिससे अधिकारियों एवं कार्मिकों द्वारा स्वच्छ माहौल में शासकीय कार्यों का सम्पादन दक्षता से किया जा सके। 

मन्त्री जी  ने समीक्षा के दौरान यह पाया कि विभिन्न खण्डों के अन्तर्गत स्थित भण्डारगृहों की सुरक्षा एवं अधिकारियों द्वारा आकस्मिक रूप से रात्रि के समय निरीक्षण किये जाने सम्बन्धी पूर्व में दिये गये निर्देशों की भी अनुपालन सुचारू रूप से नहीं किया जा रहा है। शासकीय सामग्रियों की चोरी की घटनाओं पर भी सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा अंकुश न लगाये जाने पर भी मंत्री जी ने रोष व्यक्त करते हुए निर्देश दिए गये कि मुख्य अभियन्ता स्तर तक के अधिकारी क्षेत्रीय भ्रमण के समय भण्डारगृहों का आकस्मिक निरीक्षण रात्रि में करें तथा चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाते हुए शासकीय क्षति को रोकने हेतु प्रभावी कार्यवाही की जाये।

जलशक्ति मंत्री ने राजकीय नलकूपों एवं लघु डाल नहरों पर तैनात नलकूप चालकों एवं पम्प आपरेटरों को मुख्यालय पर रहकर कार्य सम्पादित किये जाने के सम्बन्ध में परिक्षेत्रीय मुख्य अभियन्ताओं से स्थिति की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देश दिया कि अभी भी उनके पास क्षेत्रीय कृषकों, जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सूचनायें प्राप्त हो रही है कि कुछ राजस्व कर्मी अभी भी अपनी शासकीय कर्तव्यों का सुचारू रूप से निर्वाहन नहीं कर रहें है। ऐसे कर्मियों के विरूद्व एक अभियान चलाकर कार्यवाही प्रारम्भ की जाये और दोषी पाये जाने पर उनके विरूद्व कठोर कार्यवाही की जाये।

विभिन्न शासकीय भूमि पर अवैध कब्जों, निरीक्षण भवनों/गेस्ट हाउसों में अवैध अध्यासन तथा शासकीय आवासों में कब्जों के सम्बन्ध में क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा जनपद लखनऊ, मेरठ, नानपारा, प्रयागराज, अयोध्या, बाराबंकी आदि सहित कई जनपदों में 50 अवैध कब्जे, जिनका क्षेत्रफल 8 हेक्टेयर है, अवमुक्त कराये जाने के सम्बन्ध में सूचित किये जाने पर मंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए निर्देशित किया गया कि जो अवैध कब्जे अभी भी बचे है, उनको भी समयबद्ध रूप से कार्यक्रम बनाकर कब्जा मुक्त कराया जाये, यदि कोई अवरोध उत्पन्न हो तो व्यक्तिगत रूप से उन्हें अवगत कराया जाये।

जनपद बांदा एवं चित्रकूट में स्थित लघु डाल नहरों के संचालन पर संतोष व्यक्त करते हुए जलशक्ति मंत्री ने जनपद रायबरेली, वाराणसी, चन्दौली में स्थित लघु डाल नहरों को भी सुचारू रूप से संचालित कर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्देश दिए। जनपद इटावा, चन्दौली एवं वाराणसी में स्थित राजकीय नलकूपों के संचालन के सम्बन्ध में प्राप्त हो रही शिकायतों को अविलम्ब निस्तारित कर कृषकों को अधिक से अधिक सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराये जाने के साथ-साथ उन्होंने निर्देशित किया कि 01 सप्ताह में स्थिति नियंत्रित कर रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाये।

जलशक्ति मंत्री ने अधिकारियों से अपेक्षा किया कि समस्त सिंचाई प्रणालियों को क्रियाशील रखा जाये, शिकायत का निस्तारण व समाधान किया जाये, शासकीय कार्यालयों व परिसरों की सफाई, अवैध कब्जों को मुक्त कराने, भण्डारगृहों/कार्यशालाओं का सुचारू निरीक्षण एवं रख-रखाव, सहायक अभियन्ताओं, अवर अभियन्ताओं व अन्य अधीनस्थ कर्मचारियों को नियंत्रित रखने, निष्प्रयोज्य सामग्रियों की पारदर्शी ढंग से नीलामी कराकर बेहतर से बेहतर सिंचाई व्यवस्था इस प्रकार से सुनिश्चित किया जाये। सिंचाई विभाग का याँत्रिक संगठन प्रदेश में जनहित में कार्य करने वाले विभागों में उच्च स्थान प्राप्त कर प्रथम श्रेणी में आ जाये।

बैठक में मा0 राज्य मंत्री, जल शक्ति विभाग, श्री बलदेव सिंह औलख द्वारा वीडियों कान्फे्रन्सिंग के माध्यम से जनपद वाराणसी के सम्बन्ध में उठायी गयी समस्याओं का अविलम्ब 01 सप्ताह में निस्तारण करा लिया जाये। मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि 01 सप्ताह प्श्चात विशेष सचिव स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में 03 सदस्यीय कमेटी का गठन कर जनपद वाराणसी व चन्दौली में स्थित राजकीय नलकूपों/लघु डाल नहरों के संचालन का निरीक्षण कर रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाये।

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