आम की उन्नत किस्मों की प्रदर्शनी
उत्तर प्रदेश के माननीय कृषि मंत्री श्री सूर्यप्रकाश शाही एवं बागवानी मंत्री श्री श्रीराम चौहान जी ने केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान द्वारा आयोजित की गई आम की उन्नत किस्मों की प्रदर्शनी एवं बागवान मित्र एप का लोकार्पण किया| सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए 50 से अधिक किसानों एवं उद्यमियों ने भाग लिया| प्रदर्शनी में संस्थान द्वारा विकसित विभिन्न प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया गया| इसके अतिरिक्त किसानों एवं उद्यमियों ने भी अपने फलों तथा विकसित किये गए मूल्य संबंधित उत्पादों को प्रदर्शनी में लगाया| समुदाय आधारित संगठनों जैसे अवध आम उत्पादक बागवानी समिति, आम जैव विविधता संरक्षण समिति, सहभागिता एवं स्वालंबन जैसे स्वयं सहायता समूह, लिटिल नेचर प्राइवेट लिमिटेड एवं स्वीट वेल जैसे उद्यमियों जिनको संस्थान द्वारा प्रशिक्षण दिया गया, अपने अपने उत्पादों के साथ उपस्थित थे| इस कार्यक्रम के दौरान माननीय कृषि मंत्री ने बागवान मित्र नामक मोबाइल ऐप का भी विमोचन किया|इस ऐप से किसान संस्थान में आए बिना ही अपनी समस्याओं से वैज्ञानिकों को अवगत करा सकते हैं|इसके लिए उन्हें मोबाइल पर टाइप आना जरूरी नहीं है| उनके द्वारा बोले गए वाक्यों को बागवान मित्र एप संस्थान के सरवर द्वारा वैज्ञानिकों तक पहुंचाने में सहायक होगा|किसानों द्वारा ऐप से भेजी फोटो वैज्ञानिकों को निर्णय लेने में सहायता प्रदान करेंगी| इसमें भी बहुत से नए आयाम जोड़ने का प्रयास करके इसे किसानों एवं सभी बागवानी से संबंधित विधायकों के लिए उपयोगी बनाने का कार्य निरंतर किया जाएगा|
संस्थान द्वारा 100 से ऊपर किस्मों का प्रदर्शन किया गया| डॉ राजन ने बताया कि संस्थान ने 750 से भी अधिक किस्मों का संकलन एवं संरक्षण किया है जो कि उत्तर प्रदेश से ही नहीं वरन भारत तथा विदेश के विभिन्न आम उत्पादन करने वाले क्षेत्रों से लाई गई है| इस अवसर पर कृषि मंत्री द्वारा प्रगतिशील किसानों एवं उद्यमियों को भी सम्मानित किया गया| आम से बनाई गई विशेष प्रकार की आइसक्रीम जिसमें आम और कुल्फी दोनों का ही मजा हो का प्रदर्शन संस्थान के उद्यमी ने किया| स्वालंबन समूह की महिलाओं ने कोरोना काल में बनाए गए अपने उत्पादों एवं भविष्य की योजनाओं के संबंध में मंत्री महोदय को जानकारी दी| आई टी छोड़कर बागवानी के क्षेत्र में आए हुए उद्यमी श्री पुलकित सिंह ने संस्थान के सहयोग से दशहरी आम के फल के पल्प को संरक्षित करने के लिए विकसित की गई तकनीक का प्रदर्शन किया| स्वालंबन की महिलाओं ने भी अपने घरेलू स्तर पर दशहरी पल्प के संवर्धन हेतु आगे कदम बढ़ाया है जिसे पुलकित सिंह जैसे उद्यमियों द्वारा मूल्य संवर्धित पदार्थों में बदल कर दशहरी पल्प के नए बाजार को बनाने में सहायता मिलेगी|